Shalarth ID Scam: महाराष्ट्र में शिक्षक भर्ती घोटाला आया सामने, 500 से अधिक टीचरों की नियुक्ति में हुई धांधली
महाराष्ट्र में शालार्थ आईडी घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने 500 से अधिक शिक्षकों की अवैध भर्ती का खुलासा किया है। सरकारी पोर्टल के माध्यम से वेतन और सेवा रिकॉर्ड में फर्जीवाड़े किए गए। जांच में पता चला कि कई शिक्षकों की नियुक्ति फर्जी दस्तावेजों और रिश्वत के आधार पर हुई। यह घोटाला 100 करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है।

पीटीआई, नागपुर। महाराष्ट्र में 'शालार्थ आईडी' घोटाले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने पर्दाफाश किया है कि 500 से अधिक शिक्षकों की भर्ती निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन किए बगैर की गई।
शालार्थ महाराष्ट्र सरकार का एक केंद्रीकृत पोर्टल है, जो सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों के कर्मचारियों के वेतन और सेवा रिकॉर्ड का प्रबंधन करता है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि एसआईटी ने पाया है कि नियुक्त किए गए 622 शिक्षकों में से केवल 75 को उचित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए नियुक्त किया गया था।
100 करोड़ से अधिक का घोटाला
शेष 547 से 20-30 लाख रुपये प्रति शिक्षक के हिसाब से भुगतान लेने के बाद फर्जी पहचान पत्रों का उपयोग कर नियुक्त किया गया था। इसका अर्थ है कि यह घोटाला 100 करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है। एसआईटी प्रभारी और सहायक पुलिस आयुक्त सुनीता मेश्राम ने बताया कि जांच अब शिक्षा विभाग के उप निदेशकों के अलावा शिक्षा अधिकारियों और शिक्षकों पर केंद्रित है।
मेश्राम ने कहा कि इस मामले में और गिरफ्तारियां की जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि एक टीम शुक्रवार को भंडारा में सेवानिवृत्त उप निदेशक सतीश मेंढे को उनकी संलिप्तता के लिए गिरफ्तार करने गई थी, लेकिन वह अपने आवास पर नहीं मिले।
इस पूरे मामले की जांच के लिए अप्रैल में एसआईटी का गठन किया गया था, जिससे यह पता लगाया जा सके कि नागपुर में शालार्थ पोर्टल के जरिये वेतन आवंटित करने लिए फर्जी पहचान का इस्तेमाल कैसे किया गया। इस मामले में अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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