Bhagalpur News: जेएलएनएमसीएच में एक और बड़ा घोटाला, अब नर्सों की अर्न लीव में हो गया लाखों का खेल
भागलपुर के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक और घोटाला सामने आया है। सेवानिवृत्त नर्सों को उपार्जित अवकाश की संख्या बढ़ाकर लाखों का भुगतान किया गया। इससे पहले एक नर्स को बिना ड्यूटी के 28 लाख का वेतन देने का मामला उजागर हुआ था। ऑडिट में गबन का मामला पकड़े जाने के बाद अधीक्षक कार्यालय की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) में एक के बाद एक गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। यूं कहें कि सरकारी खजानों की लूटखसोट मची है।
सामने आईं ये गड़बड़ियां
दरअसल, कुछ दिन पहले तीन साल तक लगातार गायब रहने वाली नर्स को 28 लाख रुपये वेतन और प्रमोशन का लाभ देने का मामला खुलासा हुआ था। अब अस्पताल से सेवानिवृत्त हुईं चार नर्सों को उपार्जित अवकाश की संख्या को बढ़ाकर अधिक राशि देने का मामला सामना आया है।
अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि चार नर्सें साल 2024 में रिटायर हुईं थीं। इनमें एक नर्स को 205 दिन के उपार्जित अवकाश की राशि देने के बदले उसे 300 दिन का दे दिया। 95 दिन अधिक के उपार्जित अवकाश को स्वीकृत कर अगस्त 2023 में राशि भी जारी कर दिया।
वहीं, दो नर्स को तीन फरवरी 2024 को 78-78 दिन अधिक का उपार्जित अवकाश दे दिया। चौथी नर्स को 73 दिन अधिक के उपार्जित अवकाश की राशि दे दी गई।
किस नर्स को कितने रुपये दिए गए
चारों नर्स को उपार्जित अवकाश के रूप में आठ लाख 89 हजार 991 रुपये दिया गया है। एक नर्स को 255860.33, दूसरे को 215992.40 रुपये, तीसरे को 215992.40 और चौथे नर्स नर्स को दो लाख दो हजार 146 रुपये उनके बैंक खाते में भेज दिए गए।
अधीक्षक कार्यालय के क्लर्क पर लटकी तलवार
सेवांत लाभ अधिक देने का यह घोटाले एक बार फिर अधीक्षक कार्यालय में ही हुआ है। नर्स प्रतिमा कुमारी-6 को बिना ड्यूटी के तीन साल एक माह का करीब 28 लाख रुपये के वेतन भुगतान करने के मामले में अस्पताल की खूब किरकिरी हुई थी।
दो दिन पूर्व इस मामले में जिलाधिकारी ने भी जांच का आदेश जारी किया है। अब चारों रिटायर नर्स को अधिक उपार्जित अवकाश का लाभ देने का मामला ऑडिट में पकड़ाया है। इसलिए जो बिल बनाने का काम करते हैं इसलिए लिए वह ही जिम्मेदार है।
उठ रहे सवाल- हो सकता है दूसरे विभागों में भी चल रहा हो गबन का खेल
अस्पताल में एक के बाद एक जिस तरह के घपले-घोटाले या गबन के मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे में सवाल उठता है कि जेएलएनएमसीएच में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। मिलीभगत से इस तरह के गबन का खेल अस्पताल में दूसरे विभाग में भी चल रहा हो। इससे इनकार नहीं किया जा सकता है। इसलिए एक बार वित्तीय लेन-देन की जांच की जरूरत अब पड़ती दिख रही है।
इस मामले में क्लर्क से पंजी एवं फाइल तलब किया गया है। लिपिक शशि के खिलाफ शोकॉज जारी करते हुए उससे उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। वह दोषी होगा तो उसके खिलाफ मुख्यालय को सख्त कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा। इस तरह की लापरवाही लगातार सामने आ रही है।
डॉ. अविलेश कुमार, अधीक्षक, जेएलएनएमसीएच
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