MVA सरकार में CM सीट की शेयरिंग को लेकर प्रफुल्ल पटेल के दावे पर मचा हंगामा, उद्धव गुट के नेता ने किया पलटवार
राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल ने दावा किया था कि साल 2019 में महाविकास अघाड़ी सरकार बन रही थी तब राकांपा ने उद्धव ठाकरे से सीएम का पद साझा करने की मांग की थी लेकिन मुख्यमंत्री पद साझा करने की अपील को उन्होंने हल्के में लिया और कोई जवाब नहीं दिया। प्रफुल्ल पटेल के इस दावे पर शिवसेना (उद्धव-गुट) के नेता सुषमा अंधारे ने टिप्पणी की।

मुंबई, आईएनएस। महाराष्ट्र की राजनीति में हर आए दिन कुछ न कुछ नई घटनाएं घटती है। शिवसेना हो या राकांपा दोनों पार्टियां, दो हिस्सों में टूट चुकी हैं। शनिवार (2 अगस्त) को राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल ने दावा किया था कि साल 2019 में महाविकास अघाड़ी सरकार (Maha Vikas Aghadi) बन रही थी, तब राकांपा ने उद्धव ठाकरे से सीएम का पद साझा करने की मांग की थी, लेकिन मुख्यमंत्री पद साझा करने की अपील को उन्होंने हल्के में लिया और कोई जवाब नहीं दिया।
प्रफुल्ल पटेल के दावे पर सुषमा अंधारे ने कसा तंज
रविवार को प्रफुल्ल पटेल के इस दावे पर शिवसेना (उद्धव-गुट) Shiv Sena (UBT) की नेता सुषमा अंधारे ने कहा कि जिन लोगों ने अपनी पार्टियां तोड़ दी हैं, वे अब अपने कार्यों को सही ठहराने, अपनी स्थिति बचाने और अपने वर्तमान आकाओं को खुश करने के लिए कुछ भी कहेंगे।
अंधारे ने आगे कहा,"हम ऐसे व्यक्तियों पर कैसे विश्वास कर सकते हैं? क्या वे इस बात से भी इनकार करेंगे कि उनके खिलाफ और अन्य नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय और अन्य केंद्रीय एजेंसियों ने जांच नहीं की थी? अब वे दूसरों पर कीचड़ उछालने की कोशिश कर रहे हैं।"
क्लाइड क्रेस्टो ने प्रफुल्ल पटेल पर कसा तंज
राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रेस्टो (Clyde Crasto) ने आश्चर्य जताया कि अब ऐसे मुद्दों को उठाने का क्या मतलब है जिनके बारे में किसी ने नहीं सुना है।
क्रेस्टो ने आगे प्रफुल्ल पटेल पर तंज कसते हुए कहा,"अब यह सब क्यों उठाना... वे सरकार के साथ अपने रास्ते चले गए हैं, शिवसेना (यूबीटी) भी आगे बढ़ गई है। मैं केवल यह कह सकता हूं कि (पटेल एंड कंपनी) को भविष्य में और अधिक मुखर होना चाहिए और अपने नए सहयोगियों से जो भी पद वे चाहते हैं, मांगना चाहिए,'' क्रेस्टो ने सुझाव दिया।"
हमारी मांग जायज थी: प्रफुल्ल पटेल
बता दें कि पटेल ने आगे दावा किया, किया कि शिवसेना की 56 की तुलना में हमारे पास 54 सीटें थीं, इसलिए हमारी मांग जायज थी और हम दो साल के सीएम पद के लिए भी तैयार थे, लेकिन उन्होंने (उद्धव ठाकरे) सीएम पद के मुद्दे पर एक शब्द भी नहीं कहा।''
पटेल ने कहा कि अगर उनके नेता सीएम बनते तो एनसीपी बहुत समृद्ध हो सकती थी, लेकिन पार्टी ने अतीत में 'हमेशा आत्मसमर्पण' करके ऐसे अवसर खो दिए।

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