Maharashtra Politics: 'सब ठंडा-ठंडा, कूल-कूल', महाराष्ट्र सरकार में अनबन पर एकनाथ शिंदे बोले- 'कोई कोल्ड वॉर नहीं'
महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की सरकार में सब कुछ ठीक नजर नहीं आ रहा है। हाल के महाराष्ट्र के गृह विभाग ने सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल शिवसेना के 20 विधायकों की सुरक्षा कम कर दी है। इस घटना को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एवं उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच चल रहे शीतयुद्ध से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि इस बीच अभी सरकार की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच मतभेद की अफवाहों को खारिज करते हुए अपने रिश्ते को 'ठंडा ठंडा, कूल कूल' बताया है। शिंदे ने स्पष्ट किया कि उनके बीच कोई 'शीत युद्ध' नहीं है। उन्होंने कहा कि महायुति गठबंधन राज्य की प्रगति को आगे बढ़ाने में एकजुट है।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में भारी जीत के तीन महीने से भी कम समय बाद सत्तारूढ़ भाजपा-शिवसेना-एनसीपी गठबंधन के बीच दरार देखने को मिल रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि सभी दलों के विधायकों की 'वाई' सुरक्षा हटा ली गई है या कम कर दी गई है। इससे शिंदे गुट के नेताओं में नाराजगी है।
दरअसल, महाराष्ट्र के गृह विभाग ने सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल शिवसेना के 20 विधायकों की सुरक्षा कम कर दी है। इस घटनाक्रम को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एवं उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच चल रहे शीतयुद्ध से जोड़कर देखा जा रहा है।
इन विधायकों की सुरक्षा हटाई गई
शिवसेना के 20 विधायकों सहित भाजपा एवं राकांपा (अजीत पवार) के भी कुछ विधायकों की सुरक्षा कम की गई है। इन विधायकों को पहले वाई श्रेणी की सुरक्षा हासिल थी। जिसे कम करके सिर्फ एक कांस्टेबल तक सीमित कर दिया गया है।
गृहमंत्रालय के प्रभारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्वीकार किया है कि गृह विभाग में खतरों की समीक्षा करने वाली समिति की रिपोर्ट के आधार कुछ विधायकों की सुरक्षा कम की गई है। लेकिन सुरक्षा व्यवस्था में की गई कटौती को राजनीतिक हलकों में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच चल रहे शीतयुद्ध से जोड़कर देखा जा रहा है। लेकिन इस बारे में सत्तारूढ़ दलों में से किसी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
पहले भी दिखी दूरी
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री पद से वंचित होने और रायगढ़ तथा नासिक के संरक्षक मंत्रियों की नियुक्ति के अनसुलझे मुद्दे को लेकर अभी एकनाथ शिंदे नाराज ही चल रहे हैं। हाल ही में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में नियमों में संशोधन करके उन्हें भी शामिल किया गया था। ऐसा इसलिए क्योंकि वे इससे बाहर रखे जाने से नाखुश थे।
मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस प्राधिकरण के प्रमुख हैं। वहीं, एनसीपी प्रमुख अजीत पवार इसका हिस्सा पहले से थे। पिछले हफ्ते ही कैबिनेट ने उप मुख्यमंत्री के पद को शामिल करने के लिए पैनल के नियमों को बदल दिया।
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