Maharashtra Politics: 'शिव सैनिकों, टाइगर्स एकजुट हो जाओ...'; शिवसेना के दोनों गुटों के एक होने पर बहस शुरू, दिल्ली में लगा बैनर
आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले शिवसेना के दोनों धड़ों के एक साथ आने पर बहस शुरू हो गई है। ये बहस देश की राजधानी दिल्ली में लगाए गए उन बैनरों के बाद शुरू हुई है जिसमें महाराष्ट्र के हित में शिवसेना (शिंदे गुट) एवं शिवसेना (यूबीटी) को एक साथ आने का आह्वान किया गया है। बैनरों पर लिखा गया है शिव सैनिकों टाइगर्स एकजुट हो जाओ।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले शिवसेना के दोनों धड़ों के एक साथ आने पर बहस शुरू हो गई है। ये बहस देश की राजधानी दिल्ली में लगाए गए उन बैनरों के बाद शुरू हुई है, जिसमें महाराष्ट्र के हित में शिवसेना (शिंदे गुट) एवं शिवसेना (यूबीटी) को एक साथ आने का आह्वान किया गया है।
बैनर पर क्या लिखा है?
दिल्ली के कुछ क्षेत्रों में लगे बैनरों पर लिखा गया है, 'शिव सैनिकों, टाइगर्स एकजुट हो जाओ। महाराष्ट्र के विकास में तेजी लाओ। सभी को शुभकामना।' इन बैनरों को प्रदर्शित करने का समय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि शिवसेना (शिंदे) द्वारा मनचाहा मंत्री पद न मिलने पर असंतोष व्यक्त किया जा रहा है। उसे कैबिनेट मंत्री के बजाय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) से ही संतोष करना पड़ा।
उद्धव गुट का किया जाएगा स्वागत- शिरसाट
दिल्ली में लगे इस बैनर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए शिंदे गुट के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने कहा है कि दोनों गुटों ने अलग-अलग दिशाओं में चलने का फैसला किया है। हालांकि, यदि वे (उद्धव गुट) दिशा बदलते हैं और एक साथ आते हैं, तो इसका निश्चित रूप से स्वागत किया जाएगा। लेकिन, दोनों के सोचने के तरीके में बहुत अंतर है। एक समय था जब सभी कहते थे कि शिवसेना प्रमुख हमारे भगवान हैं। अब कुछ लोग शरद पवार और राहुल गांधी को अपना भगवान कह रहे हैं। जिससे हमें परेशानी हो रही है। लेकिन, यदि वह अपनी सोच बदलते हैं तो भविष्य में साथ आने में कोई समस्या नहीं है।
शिवसेना (यूबीटी) ने क्या कहा?
दूसरी ओर शिवसेना (यूबीटी) की उपनेता सुषमा अंधारे ने कहा कि हम शिवसैनिकों की भावनाओं का सम्मान करते हैं। मातोश्री और शिवसेना के दरवाजे शिवसैनिकों के लिए हमेशा खुले रहेंगे। हालांकि, जिन लोगों ने पार्टी को धोखा देने के लिए एक बड़ी साजिश रची और महाराष्ट्र को खाई में गिराने की कोशिश की, इस साजिश में वे सही हैं या गलत, इसका फैसला जनता को करना चाहिए।
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