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Modi Cabinet: मोदी सरकार 3.0 में हुआ मंत्रियों के विभागों का बंटवारा, बड़े मंत्रालयों में नहीं हुआ कोई बदलाव; लेकिन...

सबसे शक्तिशाली चार मंत्रालयों-रक्षा गृह वित्त और विदेश में कोई बदलाव न करने के साथ ही प्रधानमंत्री ने विकास के मूल सिरों में भी उन्हीं चेहरों पर भरोसा जताया है जो अपने काम से पीएम और जनता को प्रभावित करने में सफल रहे हैं। राजनाथ सिंह मोदी सरकार की तीसरी पारी में भी रक्षा अमित शाह गृह निर्मला सीतारमण वित्त और एस. जयशंकर विदेश मंत्रालय का जिम्मा संभालेंगे।

By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Mon, 10 Jun 2024 10:30 PM (IST)
Modi Cabinet: मोदी सरकार 3.0 में हुआ मंत्रियों के विभागों का बंटवारा, बड़े मंत्रालयों में नहीं हुआ कोई बदलाव; लेकिन...
मोदी सरकार 3.0 में हुआ मंत्रियों के विभागों का बंटवारा। फाइल फोटो।

मनीष तिवारी, नई दिल्ली। Modi Cabinet List 2024 Ministers Portfolio: गठबंधन सरकार होने के बावजूद मंत्रियों के चयन में अपना दृष्टिकोण, पूर्ण नियंत्रण और भविष्य की सुनिश्चित दिशा का स्पष्ट प्रदर्शन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने सहयोगियों के कामों का बंटवारा करते हुए एक बार फिर यह साबित किया कि उनके लिए सरकार की तीसरी पारी भी निरंतरता का ही परिचायक होगी।

इन चार मंत्रालयों में नहीं हुआ कोई बदलाव

यह खुद पर भरोसा भी जताता है कि जिस दिशा में पिछले पांच साल से सरकार चल रही थी वह सही थी। सबसे शक्तिशाली चार मंत्रालयों-रक्षा, गृह, वित्त और विदेश में कोई बदलाव न करने के साथ ही प्रधानमंत्री ने विकास के मूल सिरों में भी उन्हीं चेहरों पर भरोसा जताया है जो अपने काम से पीएम और जनता को प्रभावित करने में सफल रहे हैं।

जयशंकर संभालेंगे विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी

राजनाथ सिंह मोदी सरकार की तीसरी पारी में भी रक्षा, अमित शाह गृह, निर्मला सीतारमण वित्त और एस. जयशंकर विदेश मंत्रालय का जिम्मा संभालेंगे। ये सभी मंत्रालय उस शक्तिशाली समूह सीसीएस का हिस्सा होते हैं जिस पर बड़े फैसलों की जिम्मेदारी होती है। नितिन गडकरी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालते रहेंगे।

शिवराज के नेतृत्व में होगा कृषि का विस्तार

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल ने पहली बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रवेश किया है। इन्हें क्रमश: कृषि-कृषक कल्याण, ग्रामीण विकास और आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। मनोहर लाल को ऊर्जा मंत्रालय भी सौंपा गया है, जो केंद्र में उनकी बड़ी भूमिका को दर्शाता है।

स्वास्थ्य मंत्री बने जेपी नड्डा

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में नड्डा ही स्वास्थ्य देख रहे थे। कृषि बड़ा मंत्रालय है, सरकार ने नई शिक्षा नीति भी लागू की है और इसी लिहाज से धर्मेंद्र प्रधान को फिर से यह जिम्मेदारी दी गई है। पीयूष गोयल पहले की तरह वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय संभालते रहेंगे।

पीएम मोदी ने अश्विनी वैष्णव पर फिर जताया भरोसा

अश्विनी वैष्णव के कामकाज से प्रधानमंत्री खासे प्रभावित थे। यही कारण है कि उनके पास रेल मंत्रालय के साथ साथ इलेक्ट्रॉनिक और सूचना तकनीक मंत्रालयों का जिम्मा भी सौंपा गया है। रेलवे नए सुधारों के दौर से गुजर रहा है। इसके साथ ही वैष्णव को सूचना प्रसारण मंत्रालय भी दिया गया है।

 मनसुख मांडविया को मिली नई जिम्मेदारी

कोरोना काल में स्वास्थ्य मंत्रालय गुजरात से आने वाले मनसुख मांडविया के पास था। इस बार उन्हें श्रम और खेल एवं युवा कार्यक्रम की जिम्मेदारी दी गई है। सरकार के सुधार के एजेंडे में श्रम सुधार भी ऊपर हैं, इस लिहाज से मांडविया के सामने चुनौतीपूर्ण स्थिति होगी। भाजपा ने सहयोगी दलों के मंत्रियों को भी अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी दी है।

MSME की जिम्मेदारी संभालेंगे जीतनराम मांझी

जनता दल (एस) के एचडी कुमारस्वामी को भारी उद्योग तथा स्टील और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के जीतनराम मांझी को एमएसएमई की जिम्मेदारी दी गई है। टीडीपी के राम मोहन नायडू नए नागरिक उड्डयन मंत्री होंगे। पिछली बार यह जिम्मेदारी ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास थी। सिंधिया को इस पर संचार तथा पूर्वोत्तर मंत्रालयों का भार सौंपा गया है।

चिराग पासवान को मिली अहम जिम्मेदारी

लोजपा के चिराग पासवान नए खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग मंत्री होंगे। भूपेंद्र यादव के पास पहले की तरह पर्यावरण मंत्रालय कायम है। गजेंद्र ¨सह शेखावत का मंत्रालय जरूर बदला गया है। पिछली बार वह जल शक्ति मंत्री थे, लेकिन इस बार यह जिम्मेदारी गुजरात से आने वाले सीआर पाटिल को सौंपी गई है, जबकि शेखावत संस्कृति और पर्यटन मंत्री होंगे। इस बार विपक्ष जिस तरह चुनाव में मजबूत होकर उभरा है, उससे संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच राजनीतिक घमासान तेज होना तय माना जा रहा है। ऐसे में संसदीय कार्य मंत्रालय का जिम्मेदारी किरन रिजिजू को सौंपी गई है, जो सरकार के पिछले कार्यकाल में कानून मंत्री थे।

पेट्रोलियम मंत्रालय की जिम्मेदारी देखते रहेंगे हरदीप पुरी

हरदीप पुरी पेट्रोलियम मंत्रालय की जिम्मेदारी देखते रहेंगे, लेकिन उनसे शहरी कार्य मंत्रालय ले लिया गया है, जो अब मनोहर लाल के पास है। मध्य प्रदेश से आने वाले डा. वीरेन्द्र कुमार को सामाजिक न्याय तथा सशक्तीकरण मंत्री बनाया गया है। कैबिनेट के अन्य मंत्रियों में प्रह्लाद जोशी को उपभोक्ता मामलों के साथ ही खाद्य और सार्वजनिक वितरण की जिम्मेदारी दी गई है। उनके पास नई और नवीकरण ऊर्जा मंत्रालय भी होगा। पिछली बार वह संसदीय कार्य मंत्री थे।

अर्जुन मुंडा का स्थान लेंगे जुएल ओराम

ओडिशा से आने वाले जुएल ओराम नए जनजातीय मंत्री होंगे। वह अर्जुन मुंडा का स्थान लेंगे। मुंडा इस बार लोकसभा चुनाव हार गए हैं। गिरिराज सिंह को इस बार टेक्सटाइल मंत्रालय दिया गया है। अन्नपूर्णा देवी को महिला और बाल विकास मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है, जबकि जी. किशन रेड्डी को अहम कोयला और खान मंत्रालय दिया गया है।

स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्री

अर्जुन राम मेघवाल को पीएम ने इस बार भी कानून एवं न्याय के स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी है। वह संसदीय कार्य राज्य मंत्री भी होंगे। रालोद के जयन्त चौधरी को कौशल विकास एवं उद्यमिता, प्रतापराव गणपत राव जाधव को आयुष मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार दिया गया है।

राव इंद्रजीत सिंह के पास सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन, योजना और संस्कृति मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार होगा। डा. जितेंद्र सिंह पिछली बार की तरह पीएमओ का कामकाज स्वतंत्र रूप से देखेंगे। उनके पास कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन के साथ ही परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष, विज्ञान एवं तकनीक तथा पृथ्वी विज्ञान की भी जिम्मेदारी होगी।

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