'मैं दो कदम पीछे हटने के लिए तैयार हूं', भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जारांगे ने दिया शिंदे सरकार को अल्टीमेटम
Maharashtra Maratha Reservation महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के मुद्दे पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे ने बड़ा बयान दिया है। मनोज जारांगे ने कहा कि वे अनशन खत्म करने को तैयार है लेकिन सरकार से मांग है कि पहले वह मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करे। इसके बाद ही धरना स्थल को छोड़ा जाएगा।

मुंबई, एजेंसी। Maharashtra Maratha Reservation: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के मुद्दे पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे ने बड़ा बयान दिया है। मनोज जारांगे ने कहा कि वे अनशन खत्म करने को तैयार है, लेकिन सरकार से मांग है कि पहले वह मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करे। इसके बाद ही धरना स्थल को छोड़ा जाएगा।
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता की सरकार को चेतावनी
इसी के साथ ही मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे ने महाराष्ट्र सरकार को एक महीने का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा कि वे महाराष्ट्र सरकार को इसके लिए एक महीने का समय दे रहे हैं। इस दौरान सरकार द्वारा गठित नियुक्त समिति मराठा आरक्षण पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर सके।
शिंदे सरकार को दिया एक महीने का अल्टीमेटम
एक सभा को संबोधित करते हुए जारांगे ने कहा, 'मैं राज्य सरकार को एक महीने का समय देने के लिए तैयार हूं ताकि समिति एक रिपोर्ट तैयार करे। मैंने राज्य सरकार को साफ कह दिया है कि उनकी रिपोर्ट सकारात्मक हो या नकारात्मक, लेकिन उन्हें मराठा समुदाय को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करना शुरू करना होगा।
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मैं दो कदम पीछे हटने के लिए तैयार हूं- जारांगे
जारांगे ने कहा कि मैं दो कदम पीछे हटने के लिए तैयार हूं ताकि मेरे समुदाय की बदनामी बंद हो सके। मैं अपना अनशन वापस लेने को तैयार हूं, लेकिन मैं धरना स्थल को नहीं छोड़ूंगा। उन्होंने कहा कि हमने सरकार को 40 साल दिए हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी हमारी समस्याओं का समाधान नहीं किया है। जारांगे ने आगे कहा कि अगर राज्य सरकार अपने ही वादे को लागू नहीं करती है, तो उनको गिरने में देर नहीं लगेगी।
29 अगस्त से भूख हड़ताल पर बैठे हैं मनोज जारांगे
बता दें कि 40 वर्षीय मनोज जारांगे 29 अगस्त से जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। उनकी मांग है कि मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठों को कुनबी जाति का प्रमाण पत्र जारी किया जाए।
मराठवाड़ा क्षेत्र में आते हैं आठ जिले
हालांकि, इसे लेकर राज्य सरकार ने एक समिति का गठन किया है। इस पांच सदस्यीय समिति के अध्यक्ष रिटायर्ड जज संदीप शिंदे को बनाया गया है। बता दें कि मराठवाड़ा क्षेत्र में आठ जिले आते हैं। इनमें औरंगाबाद, बीड, हिंगोली, जालना, लातूर, नांदेड़, उस्मानाबाद और परभणी शामिल हैं।
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