Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    '21 दिनों तक पांच बार पढ़ें नमाज', मारपीट मामले में मालेगांव कोर्ट ने सुनाई सजा; दो पेड़ लगाने का भी दिया आदेश

    By AgencyEdited By: Mohd Faisal
    Updated: Wed, 01 Mar 2023 02:52 PM (IST)

    Maharashtra Malegaon court मालेगांव कोर्ट ने एक शख्स को सड़क दुर्घटना मामले में सजा सुनाई है। अदालत ने 21 दिनों के लिए पांच बार नमाज अदा करने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने उसे दो पेड़ लगाने का आदेश दिया है।

    Hero Image
    मारपीट मामले में मालेगांव कोर्ट ने सुनाई सजा (फोटो प्रतिकात्मक)

    मुंबई, एजेंसी। महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव की अदालत ने एक मुस्लिम व्यक्ति को सड़क दुर्घटना में हुए झगड़े के मामले में दोषी ठहराया है। हालांकि, अदालत ने उसे दो पेड़ लगाने और 21 दिनों के लिए पांच बार नमाज अदा करने का आदेश दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मजिस्ट्रेट तेजवंत सिंह संधू ने क्या कहा

    मजिस्ट्रेट तेजवंत सिंह संधू ने 27 फरवरी को पारित आदेश में कहा है कि प्रोबेशन ऑफ ऑफेंडर्स एक्ट के प्रावधानों ने एक मजिस्ट्रेट को यह अधिकार दिया है कि वह किसी दोषी को सलाह या उचित चेतावनी देकर रिहा कर सकता है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह अपराध को नहीं दोहराएगा।

    'सजा को याद रखे आरोपी और इसे दोबारा न दोहराए'

    अदालत ने कहा कि मौजूदा मामले में केवल चेतावनी ही काफी नहीं होगी और यह महत्वपूर्ण है कि दोषी अपने आरोपों को याद रखे, ताकि वह इसे न दोहराए। आदेश में कहा गया है कि मेरे अनुसार, उचित चेतावनी देने का मतलब यह समझना है कि अपराध किया गया था और आरोपी को दोषी पाया गया है। कोर्ट ने कहा आरोपी इसे याद रखे, ताकि वह फिर से अपराध न दोहराए।

    कोर्ट ने आरोपी को सुनाई नमाज पढ़ने की सजा

    बता दें कि 30 वर्षीय रऊफ खान पर 2010 के एक मामले में एक व्यक्ति पर कथित तौर पर हमला करने और सड़क दुर्घटना के विवाद में उसे चोट पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। अदालत ने उसे इस मामले में दोषी ठहराते हुए कहा कि सुनवाई के दौरान खान ने कहा था कि वह नियमित नमाज नहीं पढ़ रहा है। इसे देखते हुए कोर्ट ने उसे 28 फरवरी से शुरू होकर 21 दिनों तक दिन में पांच बार नमाज अदा करने और सोनापुरा मस्जिद परिसर में दो पेड़ लगाने और पेड़ों की देखभाल करने का आदेश दिया है।

    इन धाराओं में दर्ज हुआ था मामला

    रऊफ खान पर भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 325 (स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना), 504 (शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया था। अदालत ने रऊफ खान को आईपीसी की धारा 323 के तहत दोषी ठहराया और उन्हें अन्य आरोपों से बरी कर दिया था।