Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Maharashtra: बालासाहेब जीवित होते तो राम मंदिर और अनुच्छेद 370 के लिए पीएम मोदी की पीठ थपथपाते, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का बयान

    By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya
    Updated: Tue, 09 Jan 2024 09:20 AM (IST)

    महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे अगर जीवित होते तो वह अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पीठ थपथपाते। उत्तर प्रदेश की अयोध्या नगरी में 22 जनवरी को राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया जाएगा।

    Hero Image
    मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना और राम मंदिर का निर्माण बालासाहेब ठाकरे के सपने थे।

    पीटीआई, मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे अगर जीवित होते, तो वह अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पीठ थपथपाते।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मुख्यमंत्री शिंदे कुछ महीनों में होने वाले आम चुनावों के लिए अपनी पार्टी के 'शिव संकल्प' जन संपर्क कार्यक्रम के तहत सोमवार को महाराष्ट्र के रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा क्षेत्र के राजापुर में एक रैली को संबोधित कर रहे थे।

    उत्तर प्रदेश की अयोध्या नगरी में 22 जनवरी को राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया जाएगा। 2019 में केंद्र ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त कर दिया था, जो पूर्ववर्ती राज्य जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करता था।

    शिंदे ने कहा, "अनुच्छेद 370 को हटाना और राम मंदिर का निर्माण बालासाहेब ठाकरे के सपने थे। ये अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण साकार हो गए हैं। अगर बालासाहेब जीवित होते, तो उन्होंने सराहना में मोदी की पीठ थपथपाई होती।"

    यह भी पढ़ें: Maharashtra: शिवसेना विधायकों की अयोग्यता पर 10 जनवरी को आएगा फैसला, निर्णय पर टिका है शिंदे सरकार का भविष्य

    2012 में शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे का निधन हो गया था। जून 2022 में शिंदे ने शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह कर पार्टी को विभाजित कर दिया और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार को गिरा दिया। उस समय सीएम शिंदे ने कहा था कि यह कदम स्वार्थी कारणों से नहीं बल्कि "बालासाहेब के विचारों को जीवित" रखने के लिए था।

    उन्होंने कहा, "हम उनके विचारों के सच्चे वंशज हैं। जब शिवसेना (यूबीटी) ने शिवसेना के खातों में पड़े 50 करोड़ रुपये मांगे, तो हमने पैसे दे दिए। हम यहां पैसे के लिए नहीं हैं।" विभाजन के बाद चुनाव आयोग ने शिंदे के गुट को शिवसेना का नाम और 'धनुष और तीर' प्रतीक दिया। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) का प्रतीक धधकती मशाल है।

    यह भी पढ़ें: Maharashtra: प्रकाश अंबेडकर की VBA महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन का हिस्सा, सांसद संजय राउत सीट-बंटवारे के फॉर्मूले पर बोले