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    दावोस में महाराष्ट्र को मिला बड़ा निवेश... भारतीय कंपनियों से करार पर फडणवीस ने विपक्ष को दिया जवाब

    दावोस में हो रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विदेशी निवेश आकर्षित करने में महाराष्ट्र सबसे आगे रहा है। उन्होंने कहा कि डाटा सेंटर एवं इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन में महाराष्ट्र अग्रणी रहने वाला है। वहीं विपक्ष के दावोस जाकर भारतीय कंपनियों से करार के आरोपों पर भी उन्होंने जवाब दिया।

    By Jagran News Edited By: Swaraj Srivastava Updated: Thu, 23 Jan 2025 09:04 PM (IST)
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    वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पत्रकारों से की बात (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, मुंबई। दावोस में हो रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में 15.70 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों का करार करने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अब महाराष्ट्र डाटा सेंटर और इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन का केंद्र बनने जा रहा है।

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    फडणवीस के अनुसार दावोस में उन्होंने महाराष्ट्र के लिए कुल 61 करार (एमओयू) किए हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में भाग लेने के बाद वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि फोरम में भारत के कई राज्यों ने हिस्सा लिया।

    विदेशी निवेश पाने में महाराष्ट्र आगे

    उन्होंने कहा कि 'विदेशी निवेश आकर्षित करने में महाराष्ट्र सबसे आगे रहा है। महाराष्ट्र ने 15.70 लाख करोड़ के 57 करार किए हैं। इन करारों के जरिए महाराष्ट्र में आनेवाले एफडीआई (फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट) से न सिर्फ महाराष्ट्र, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।'

    इसी कड़ी में फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र को निवेश प्रस्ताव तो बहुत से क्षेत्रों में मिले हैं, लेकिन डाटा सेंटर एवं इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन में महाराष्ट्र अग्रणी रहने वाला है। भविष्य में वह इसका केंद्र बनने जा रहा है।

    16 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

    उन्होंने बताया कि दावोस में हुए करारों में महाराष्ट्र के सभी क्षेत्रों के लिए उद्योग के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनमें मराठवाड़ा और विदर्भ जैसे अपेक्षाकृत पिछड़े क्षेत्रों के लिए भी उत्पादन क्षेत्र के करार हुए हैं। इन करारों से 16 लाख से अधिक रोजगार का भी सृजन होगा।

    (फोटो: एएनआई)

    फडणवीस के अनुसार देश में होने वाले इस प्रकार के करारों के चरितार्थ होने की दर सामान्यतः 35 से 40 प्रतिशत होती है। जोकि महाराष्ट्र में 65 प्रतिशत तक रहती आई है। लेकिन पूर्व की शिंदे सरकार ने पिछले वर्ष दावोस में ही आकर जो औद्योगिक करार किए थे, उनके धरातल पर उतरने की दर 95 प्रतिशत रही है।

    विपक्ष को फडणवीस ने दिया जवाब

    सीएम ने कहा कि अब वर्तमान महायुति सरकार भी निवेश को वास्तविकता में बदलने की इसी दर को कायम रखने का प्रयास करेगी। बता दें कि विपक्ष द्वारा मुख्यमंत्री फडणवीस एवं उद्योग मंत्री उदय सामंत की दावोस यात्रा को लेकर तरह-तरह की टिप्पणियां की जाती रही हैं।

    सवाल किए जा रहे हैं कि भारतीय मूल की कंपनियों से दावोस में जाकर करार करने का क्या औचित्य है? इसका उत्तर देते हुए फडणवीस ने कहा कि भारतीय मूल की कई कंपनियां अब वैश्विक हो चुकी हैं। उनके वैश्विक व्यवसाय के सीईओ एवं साझीदार भी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में उपस्थित रहते हैं। इनकी उपस्थिति में ही बड़े करार हो पाते हैं।

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