महाराष्ट्र CET घोटाला: मुंबई क्राइम ब्रांच ने गिरोह का किया भंडाफोड़, दिल्ली से चार गिरफ्तार
मुंबई क्राइम ब्रांच ने महाराष्ट्र संयुक्त प्रवेश परीक्षा (MH-CET) में सेंध लगाने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के चार सदस्य जिनमें दो एनआईटी दिल्ली के बीटेक छात्र शामिल हैं दिल्ली से गिरफ्तार किए गए। वे एमएच-सीईटी सिस्टम को हैक कर छात्रों का डेटा चुराते और सीट दिलाने के बदले 15-20 लाख रुपये वसूलते थे। क्राइम ब्रांच को परीक्षा केंद्रों में अंदरूनी मिलीभगत का भी संदेह है।

जेएनएन, मुंबई। महाराष्ट्र संयुक्त प्रवेश परीक्षा (MH-CET) में सेंध लगाने वाले एक गिरोह का मुंबई क्राइम ब्रांच ने पर्दाफाश किया है। मामले में शामिल इंजीनियरिंग के दो छात्र सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
एक अधिकारी ने बताया कि आरोपित ऑनलाइन मार्केटिंग फर्म के मालिक अंबरीश कुमार सिंह, एनआइटी दिल्ली के बीटेक तृतीय वर्ष के छात्र आदित्य राज और केतन यादव तथा बीएससी जीव विज्ञान के छात्र अभिषेक श्रीवास्तव को शुक्रवार को दिल्ली से पकड़ा गया है।
छात्रों का डेटा हैक करते थे गिरोह के सदस्य
अधिकारी ने बताया कि गिरोह के सदस्य एमएच-सीईटी सिस्टम को हैक कर छात्रों का डेटा हासिल करते थे। इसके बाद छात्रों से संपर्क कर उन्हें शीर्ष कॉलेजों में प्रवेश दिलाने के बदले 15-20 लाख रुपये की मांग करते थे। यह मामला तब सामने आया जब कुछ छात्रों को संदिग्ध काल आए और उन्होंने एमएच-सीईटी अधिकारियों को इसकी सूचना दी। इसके बाद परीक्षा प्रक्रिया आयोजित कराने वाली एजेंसी एडुस्पार्क के समन्वयक द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई।
महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार और राजस्थान के छात्रों को बना रहे थे निशाना
क्राइम ब्रांच के डीसीपी दत्ता नलवाडे ने कहा कि जांच के बाद क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार की रात को दिल्ली से चार लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपित महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार और राजस्थान के छात्रों को निशाना बना रहे थे।
क्राइम ब्रांच के अनुसार, गिरोह ने पहले भी कई परीक्षाओं को निशाना बनाया है और अब इस साल चार अप्रैल को होने वाली एमबीए कामन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) 2025-26 पर उनकी नजर थी। एफआइआर के अनुसार, आरोपितों ने एमएच-सीईटी की वेबसाइट को हैक कर करीब 72 छात्रों का डाटा प्राप्त किया है।
नलवाडे ने कहा कि जांच में पता चला कि गिरोह परीक्षा से 30 मिनट पहले उत्तर पुस्तिकाएं प्राप्त करता था और परीक्षा केंद्रों पर उम्मीदवारों की सहायता करता था। क्राइम ब्रांच को परीक्षा केंद्रों के अंदरूनी लोगों की संलिप्तता का भी संदेह है और वह इस दिशा में आगे की जांच कर रही है।
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