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    उद्धव ठाकरे को राम मंदिर समारोह का नहीं मिला निमंत्रण, तैयार किया नया प्लान; अब करेंगे 'महाआरती'

    By Agency Edited By: Anurag Gupta
    Updated: Sat, 06 Jan 2024 04:14 PM (IST)

    शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण नहीं मिला। ऐसे में उन्होंने 22 जनवरी के लिए एक विशेष योजना तैयार की है। उद्धव ठाकरे ने बताया कि वह और उनकी पार्टी के नेता उस दिन नासिक में कालाराम मंदिर जाएंगे और गोदावरी नदी तट पर महाआरती करेंगे।

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    शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (जागरण फोटो)

    पीटीआई, मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण नहीं मिला। ऐसे में उन्होंने 22 जनवरी के लिए एक विशेष योजना तैयार की है। 22 जनवरी को अब उद्धव ठाकरे नासिक के कालाराम मंदिर जाएंगे और गोदावरी नदी के तट पर 'महाआरती' करेंगे।

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    बकौल एजेंसी, उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि वह और उनकी पार्टी के नेता उस दिन नासिक में कालाराम मंदिर जाएंगे और गोदावरी नदी तट पर 'महाआरती' करेंगे।

    क्या कुछ बोले उद्धव ठाकरे?

    अपनी मां स्वर्गीय मीना ठाकरे को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देने के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत में उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब भी उनका मन होगा वह अयोध्या आएंगे। उन्होंने कहा,

    अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा गौरव और स्वाभिमान का विषय है। उस दिन (22 जनवरी) हम शाम साढ़ छह बजे कालाराम मंदिर जाएंगे, जहां पर बाबा साहेब भीमराम अंबेडकर और (समाज सुधारक) साने गुरुजी को विरोध प्रदर्शन करना पड़ा था। इसके बाद साढ़े सात बजे हम गोदावरी नदी के तट पर 'महाआरती' करेंगे।

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    उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि 23 जनवरी को शिवसेना संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे की जयंती पर पार्टी नासिक में एक रैली आयोजित करेगी। इससे पहले उद्धव ठाकरे ने कहा था कि मुझे अभी तक कोई निमंत्रण नहीं मिला है और मुझे अयोध्या आने के लिए किसी की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि राम लला सभी के हैं। जब भी मेरा मन होगा, मैं जाऊंगा।

    कालाराम मंदिर

    नासिक के पंचवटी क्षेत्र में स्थित कालाराम मंदिर भगवान राम को समर्पित है। मंदिर का नाम काले पत्थर से बनी भगवान राम की मूर्ति पर रखा गया। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम अपने वनवास के दौरान पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ पंचवटी में रुके थे। 1930 में कालाराम मंदिर में दलितों की एंट्री को लेकर बाबा साहेब भीमराम अंबेडकर ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था।

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    सनद रहे कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को आयोजित किया जाएगा। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित छह हजार लोगों शामिल होंगे, लेकिन उद्धव ठाकरे को समारोह का निमंत्रण नहीं मिला है।

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