Bharat Jodo Yatra: जयराम रमेश बोले-भारत जोड़ो यात्रा का प्रभाव लोस चुनाव में महसूस होगा, विस चुनाव में नहीं
Bharat Jodo Yatra कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा का प्रभाव आगामी लोकसभा चुनाव में महसूस किया जाएगा। गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव में इस यात्रा का कोई असर नहीं होगा। यात्रा पार्टी में एकजुटता लाई है।

वाशिम, एजेंसी। Bharat Jodo Yatra: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने मंगलवार को कहा कि भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) का प्रभाव आगामी लोकसभा चुनाव में महसूस किया जाएगा। गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव में इस यात्रा का कोई असर नहीं होगा।
कहा-पार्टी में एकजुटता लाई यात्रा
समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, जयराम रमेश ने कहा कि पिछले 70 दिनों से चल रही भारत जोड़ो यात्रा पार्टी में ऐसे समय एकजुटता लेकर आई है, जब वह राजनीतिक चुनौतियों का मुकाबला कर रही है। यात्रा मंगलवार को अपने 69वें दिन में प्रवेश कर गई। यह हिंगोली से शुरू होकर महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के वाशिम जिले में पहुंची। इस यात्रा में राहुल गांधी और पार्टी के कई अन्य नेता व कार्यकर्ता शामिल हैं।
यात्रा का वोट बैंक से कोई लेना-देना नहीं
उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा का किसी वोट बैंक से कोई लेना-देना नहीं है। इसका मकसद राजनीति से परे है। यात्रा एकजुटता को बढ़ावा देगी, इसने हमारी पार्टी को एकजुट किया है। इसका प्रभाव यदि कोई है, तो 2024 के चुनावों में महसूस किया जाएगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि 18 नवंबर को यात्रा के दौरान महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के शेगांव में एक भव्य जनसभा आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा का नेतृत्व कर रहे राहुल गांधी रैली में मुख्य अतिथि होंगे।
प्रियंका चतुर्वेदी ने भी यात्रा में शामिल होने की इच्छा जताई
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और उद्धव ठाकरे के गुट के नेता पहले से ही भारत जोड़ो यात्रा में भाग ले रहे हैं। नांदेड़ की रैली में एनसीपी नेताओं ने हिस्सा लिया, जबकि शिवसेना के आदित्य ठाकरे ने खुद यात्रा में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि शिवसेना की एक अन्य नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी यात्रा में शामिल होने की इच्छा जताई है। भारत जोड़ो यात्रा कोई जादुई छड़ी नहीं है। हम हर राज्य में जमीनी स्तर पर काम करना चाहते हैं। चुनावी एजेंडा राज्यों के नेताओं, विधायकों और सांसदों के हाथ में है, केवल राहुल पर निर्भर न रहें। यात्रा सात सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई थी। यह अगले साल कश्मीर में खत्म हो जाएगी।
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