रेल गोलीकांड मामले में RPF कांस्टेबल का नार्को परीक्षण कराने की मांग, आरोपित के वकील ने किया विरोध
रेल पुलिस ने चलती ट्रेन में अपने वरिष्ठ अधिकारी और तीन यात्रियों की हत्या करने के आरोपित आरपीएफ के कांस्टेबल चेतन सिंह का ब्रेन मैपिंग पालीग्राफ और नार्को परीक्षण कराने के लिए अदालत से अनुमति मांगी है। सिंह का परीक्षण कराए जाने की अनुमति का अनुरोध करते हुए जीआरपी ने बोरीवली की मजिस्ट्रेट अदालत से कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है और इसकी गहन जांच करने की आवश्यकता है।

मुंबई, पीटीआई। रेल पुलिस ने चलती ट्रेन में अपने वरिष्ठ अधिकारी और तीन यात्रियों की हत्या करने के आरोपित आरपीएफ के कांस्टेबल चेतन सिंह का ब्रेन मैपिंग, पालीग्राफ और नार्को परीक्षण कराने के लिए अदालत से अनुमति मांगी है। सिंह का परीक्षण कराए जाने की अनुमति का अनुरोध करते हुए जीआरपी ने बोरीवली की मजिस्ट्रेट अदालत से कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है और इसकी गहन जांच करने की आवश्यकता है।
सिंह के वकील ने किया जीआरपी के आवेदन का विरोध
सिंह के वकील अमित मिश्रा और आजाद गुप्ता ने गुरुवार को जीआरपी के आवेदन का विरोध किया और कहा कि आरोपित के पिछले 11 दिनों से हिरासत में होने के बावजूद पहले जांच क्यों नहीं की गई। मिश्रा और गुप्ता ने अदालत को बताया कि विशेषज्ञों की सलाह लेने के बाद आरोपित पर ऐसे परीक्षणों के प्रभाव पर भी विचार किया जाना चाहिए। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले को स्थगित कर दिया और आरोपित को अपना पक्ष रखने को कहा।
11 अगस्त तक पुलिस हिरासत में है आरोपी
हत्या और अपहरण के अलावा जीआरपी ने सिंह के खिलाफ मामले में आइपीसी की धारा 153-ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) भी जोड़ी है। आरोपित 11 अगस्त तक पुलिस हिरासत में है।
गोलीबारी की यह घटना 31 जुलाई को तड़के तब हुई, जब आरोपित ने जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में अपने वरिष्ठ अधिकारी टीका राम मीणा और तीन यात्रियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना के समय ट्रेन मुंबई के बाहरी इलाके में स्थित पालघर स्टेशन के निकट थी।
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