Maharashtra Politics: शिवाजी पर टिप्पणी को लेकर अजीत पवार बोले, राज्यपाल का पद छोड़ने पर विचार करें कोश्यारी
Maharashtra Politics राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने कहा कि भगत सिंह कोश्यारी यदि राज्य की भावनाओं और महान योद्धा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज को नहीं समझ सकते तो उन्हें राज्यपाल पद छोड़ने पर विचार करना चाहिए।

मुंबई, एजेंसी। Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी (Chhatrapati Shivaji Maharaj) पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) की टिप्पणी को लेकर प्रदेश की राजनीति गरमाने लगी है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता अजीत पवार (Ajit Pawar) ने रविवार को कहा कि भगत सिंह कोश्यारी यदि राज्य की भावनाओं और महान योद्धा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज को नहीं समझ सकते तो उन्हें राज्यपाल पद छोड़ने पर विचार करना चाहिए।
सुधांशु त्रिवेदी को बर्खास्त करे भाजपाः एनसीपी
प्रेट्र के मुताबिक, एनसीपी ने यह भी मांग की कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपने प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी को उनकी टिप्पणियों के माध्यम से शिवाजी महाराज का अपमान करने के लिए बर्खास्त करे।
जानें, क्या कहा था भगत सिंह कोश्यारी ने
भगत सिंह कोश्यारी ने शनिवार को कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने दिनों के प्रतीक थे, जबकि उन्होंने राज्य में प्रतीक के बारे में बात करते हुए बाबा साहब अंबेडकर और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का जिक्र किया। एनसीपी और शिवसेना उद्धव ठाकरे ने कोश्यारी की टिप्पणी की आलोचना की। कोश्यारी ने औरंगाबाद में एक कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता गडकरी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार को डीलिट की डिग्री प्रदान करने के बाद यह टिप्पणी की थी।
कोश्यारी की टिप्पणी का संज्ञाने लें पीएम मोदी
अजीत पवार ने कहा कि यह कोश्यारी के लिए राज्य के राज्यपाल के रूप में अपने पद पर बने रहने पर पुनर्विचार करने का समय है। छत्रपति शिवाजी महाराज लोगों के कल्याण के लिए शक्ति का उपयोग करने के लिए एक महान आदर्श थे, न कि स्वार्थ के लिए। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता ने भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कोश्यारी की टिप्पणी का संज्ञान लेना चाहिए।
एनसीपी ने भाजपा पर साधा निशाना
इस बीच, एनसीपी प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो ने कोश्यारी के शिवाजी महाराज को अपमानित करने वाले बयान पर भाजपा की चुप्पी पर भी सवाल उठाया। उनके मुताबिक, भाजपा अब सुधांशु त्रिवेदी के हमारे महाराज का अपमान करने वाले बयान पर चुप हैं। भाजपा को अपनी जरूरतों के लिए उनके नाम का इस्तेमाल बंद करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करके वे हमारे नायक के साथ विश्वासघात कर रहे हैं, जिनकी हम पूजा करते हैं। बीजेपी को त्रिवेदी को तुरंत बर्खास्त करना चाहिए या इसका मतलब यह होगा कि वे उनके द्वारा दिए गए अपमानजनक बयान और दूसरों द्वारा किए गए सभी अपमानजनक बयानों का समर्थन करते हैं।
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