Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Thane News: शिवसेना उद्धव गुट के अवैध रूप से बने स्थानीय कार्यालय को तोड़ा गया

    By Jagran NewsEdited By: Sachin Kumar Mishra
    Updated: Sun, 20 Nov 2022 09:01 PM (IST)

    Thane News ठाणे में कल्याण-डोंबिवली नगर निगम अधिकारियों ने आठ दुकानों को ध्वस्त कर दिया। इसमें शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे का स्थानीय कार्यालय भी शामिल है। स्थानीय शिवसेना नेता ने कहा कि यह कार्रवाई मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट में शामिल होने से इन्कार करने के कारण हुई है।

    Hero Image
    ठाणे में अवैध रूप से बने उद्धव गुट के स्थानीय कार्यालय को तोड़ा गया। फोटो इंटरनेट मीडिया

    ठाणे, एजेंसी। Thane News: महाराष्ट्र के ठाणे (Thane) जिले में कल्याण-डोंबिवली नगर निगम अधिकारियों ने आठ दुकानों को ध्वस्त कर दिया। इसमें शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (Shiv Sena Uddhav Balasaheb Thackeray) का स्थानीय कार्यालय भी शामिल है।

    शिंदे गुट में शामिल होने से इन्कार के कारण हुई कार्रवाईः शिवसेना

    प्रेट्र के मुताबिक, इस संबंध में स्थानीय शिवसेना नेता रमाकांत देवलेकर ने कहा कि यह कार्रवाई मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के गुट में शामिल होने से इन्कार करने के कारण हुई है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के अन्य अवैध ढांचों को छुआ तक नहीं गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उद्धव गुट के कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन

    इस घटना के विरोध में शिवसेना उद्धव गुट के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया।

    अधिकारियों ने कहा, अवैध था निर्माण

    इस बीच, अधिकारियों ने कहा कि यहां अवैध निर्माण किया गया था। इस संबंध में नोटिस जारी करने के बाद कार्रवाई की गई है।

    उद्धव ठाकरे की याचिका खारिज

    निर्वाचन आयोग के आदेश को चुनौती देने वाली महाहाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की याचिका खारिज करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि पार्टी में विभाजन के बाद शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न फ्रीज करने के आयोग के आदेश में कोई प्रक्रियात्मक उल्लंघन नहीं हुआ है। न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने कहा कि आयोग ने उपचुनावों की घोषणा के कारण प्रतीक के आवंटन की जरूरत को देखते हुए फ्रीजिंग आदेश पारित किया था। अदालत ने कहा कि बार-बार आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए समय लेने वाला याचिकाकर्ता बाद में उल्लंघन का आरोप नहीं लगा सकता। 15 नवंबर को दिए गए आदेश की प्रति अब उपलब्ध हुई है।

    जानें, क्या कहा कोर्ट ने

    अदालत ने कहा कि शिवसेना के सदस्यों के बीच विभाजन हुआ है। एक समूह जहां मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ है तो दूसरा पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे के साथ। दोनों मूल शिवसेना के अध्यक्ष होने का दावा कर रहे हैं। साथ ही, पार्टी और धनुष और तीर के अपने चुनाव चिन्ह का दावा कर रहे हैं।ऐसे में आयोग ने उपचुनावों के कार्यक्रम की घोषणा के कारण प्रतीक के आवंटन की तात्कालिकता पर ध्यान दिया और फ्रीज करने के निर्देश दिए। ऐसा करके आयोग ने किसी भी प्रक्रियात्मक उल्लंघन नहीं किया। आठ अक्टूबर को आयोग ने अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव में शिवसेना के दो गुटों को पार्टी के नाम और उसके चुनाव चिन्ह का उपयोग करने से रोकने के लिए अंतरिम आदेश पारित किया था। 

    यह भी पढ़ेंः शिवाजी पर टिप्पणी को लेकर अजीत पवार बोले, राज्यपाल का पद छोड़ने पर विचार करें कोश्यारी