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    ICICI-Videocon loan case: 18 दिन बाद जेल से रिहा हुए चंदा कोचर और उनके पति दीपक

    By AgencyEdited By: Nidhi Avinash
    Updated: Tue, 10 Jan 2023 11:09 AM (IST)

    Loan Fraud Case करोड़ों रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले में गिरफ्तार आईसीआईसीआई की सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर मंगलवार को जेल से रिहा हो गए हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज कोचर दंपत्ति को जमानत देते हुए कहा गिरफ्तारी कानून के अनुसार नहीं है।

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    ICICI-Videocon loan case: आज रिहा हो सकते है चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर

    मुंबई, एजेंसी। ICICI-Videocon loan case: आईसीआईसीआई की पूर्व सीईओ चंदा कोचर बायकुला जेल से और उनके पति दीपक कोचर आर्थर रोड जेल से रिहा हो गए है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज कोचर दंपत्ति को जमानत देते हुए कहा, 'गिरफ्तारी कानून के अनुसार नहीं है।'

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    बॉम्बे हाई कोर्ट ने करोड़ों रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले में गिरफ्तार कोचर दंपत्ति को 9 जनवरी को अंतरिम राहत देते हुए कहा था कि यह पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह न केवल लिखित में गिरफ्तारी के कारणों को रिकॉर्ड करे, बल्कि उन मामलों में भी, जहां पुलिस ऐसा नहीं करने का विकल्प चुनती है।

    रिहाई के हकदार

    बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि तथ्यों के अनुसार याचिकाकर्ताओं (कोचर दंपत्ति) की गिरफ्तारी कानून के प्रावधानों के तहत नहीं की गई। गिरफ्तारी करते समय धारा 41(ए) का पालन नहीं किया गया। इसलिए वे रिहाई के हकदार हैं। खंडपीठ ने अपनी टिप्पणी में कहा कि याचिकाकर्ताओं को याचिकाओं पर सुनवाई लंबित रहने और अंतिम निस्तारण होने तक जमानत पर रहने का अधिकार है। इसके साथ ही उच्चन्यायालय ने सुनवाई के लिए छह फरवरी की तारीख तय की है।

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    कोचर दंपति की गिरफ्तारी 'कानून के अनुसार' नहीं

    अदालत ने पाया कि कोचर दंपति की गिरफ्तारी 'कानून के अनुसार नहीं' हुई थी और इसलिए, वह उन्हें न्यायिक हिरासत से 1 लाख रुपये की नकद जमानत पर रिहा करने की अनुमति दी थी। बता दें कि वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई ऋण घोटाला मामले में पिछले साल 23 दिसंबर को दंपति को गिरफ्तार करने वाली केंद्रीय जांच ब्यूरो ने उनकी रिहाई का विरोध किया था।

    यह मामला 2009 और 2011 के बीच वीडियोकॉन समूह को आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वितरित 1,875 करोड़ रुपये के ऋण की मंजूरी में कथित अनियमितताओं और भ्रष्ट आचरण से संबंधित है। प्रारंभिक जांच के दौरान, सीबीआई ने पाया कि 1,875 करोड़ रुपये के छह ऋण स्वीकृत किए गए थे। एजेंसी ने दावा किया कि ऋण को 2012 में गैर-निष्पादित संपत्ति घोषित किया गया था, जिससे बैंक को 1,730 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।

    कोर्ट ने लगाई CBI को फटकार

    बता दें कि कोचर दंपत्ति को सीबीआई ने 23 दिसंबर, 2022 को गिरफ्तार किया था। दोनों ने अपनी गिरफ्तारी को गैरकानूनी और मनमाना बताते हुए उच्चन्यायालय में चुनौती दी थी, और अपनी अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी।

    कोचर दंपत्ति को अंतरिम जमानत देते हुए अपने विस्तृत आदेश में उच्चन्यायालय की खंडपीठ ने सीबीआई को तगड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि यह कहने की जरूरत नहीं है कि हमारे संविधान में किसी व्यक्ति की निजी स्वतंत्रता एक महत्त्वपूर्ण पहलू है। वैयक्तिक स्वतंत्रता का संरक्षण करने एवं जांचकर्ताओं का उपयोग उत्पीड़न के साधन के तौर पर नहीं होने देने में अदालतों की भूमिका बार-बार दोहराई गई है।

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