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    Shiv Sena Dussehra Rally: एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे ने दशहरा रैली के बहाने किया शक्ति प्रदर्शन, कसे तंज

    Shiv Sena Dussehra Rally मुंबई में बुधवार को दशहरा रैली के बहान शिवसेना के दोनों गुटों सीएम एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे ने शक्ति प्रदर्शन किया। इस दौरान दोनों गुटों के नेताओं ने एक-दूसरे पर जमकर तंज भी कसे। दोनों ने खुद को असली शिवसेना बताया।

    By AgencyEdited By: Sachin Kumar MishraUpdated: Wed, 05 Oct 2022 10:05 PM (IST)
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    दशहरा रैली के जरिए शिंदे और उद्धव ने किया शक्ति प्रदर्शन, कसे तंज। फोटो एएनआइ

    मुंबई, एजेंसी। Dussehra Rally: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई (Mumbai) में बुधवार को दशहरा रैली के बहाने शिवसेना (Shiv Sena) के दोनों गुटों सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने शक्ति प्रदर्शन किया। इस दौरान दोनों गुटों के नेताओं ने एक-दूसरे पर जमकर तंज भी कसे। दोनों ने खुद को असली शिवसेना बताया। उद्धव ठाकरे ने मुंबई के दादर में शिवाजी पार्क में दशहरा रैली की। इस रैली में भारी भीड़ उमड़ी। वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके गुट के नेता MMRDA मैदान में शिवसेना दशहरा रैली में शामिल हुए। इस रैली में भी भारी भीड़ उमड़ी।

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    हमें भाजपा से हिंदुत्व सीखने की जरूरत नहींः उद्धव

    मुंबई, राज्य ब्यूरो। शिवसेना में विभाजन के बाद पहली बार मुंबई के शिवाजी पार्क में शिवसेना के अपने गुट की रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमें भाजपा से हिंदुत्व सीखने की जरूरत नहीं है। उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर भी प्रहार करते हुए कहा कि समय के साथ रावण भी बदल रहा है। इस बार का रावण खोखासुर और धोखासुर है।

    उद्धव ने शिंदे पर भी साधा निशाना

    पार्टी में बड़े विभाजन के बाद पहली बार शिवाजी पार्क में बड़ी संख्या में जुटे अपने समर्थक शिवसैनिकों के सामने उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री शिंदे और भाजपा दोनों पर जमकर बरसे। उनका ज्यादा गुस्सा भाजपा पर नजर आया। उस पर निशाना साधते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि भाजपा ने जब पीठ पर वार किया, तो उसे सबक सिखाने के लिए हमने महाविकास आघाड़ी का गठन किया।

    अमित शाह पर धोखा देने का आरोप

    उद्धव ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर फिर धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि मैं शिवाजी महाराज को साक्षी मानकर अपने माता-पिता की शपथ लेकर कह रहा हूं कि अमित शाह ने ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री पद बांटने का वायदा किया था। उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व के मुद्दे पर भी भाजपा को घेरते हुए कहा कि लोग कहते हैं कि मैंने हिंदुत्व छोड़ दिया है। हमें भाजपा से हिंदुत्व सीखने की जरूरत नहीं है। पाकिस्तान जाकर जिन्ना की कब्र पर मत्था टेकनेवालों और नवाज शरीफ के यहां केक खानेवालों से हमें हिंदुत्व सीखने की जरूरत नहीं है।

    मोहन भागवत पर भी साधा निशाना

    उद्धव ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के एक बयान को लेकर भी भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री देश की प्रगति की बात कर रहे थे, तो अगले ही दिन होसबोले ने सच्चाई बयान कर उनके बयान की हवा निकाल दी। उद्धव ने कहा कि मैं होसबोले से कभी मिला नहीं हूं। लेकिन मैं अभिनंदन करता हूं उनका। उन्होंने भाजपा सरकार को आईना दिखाने का काम किया है। लेकिन दूसरी ओर संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत को घेरते हुए उद्धव ने कहा कि वह आजकल मस्जिद में क्यों जा रहे हैं? वह मस्जिद में जाते हैं तो कहा जाता है कि मुस्लिमों से संवाद करने जा रहे हैं, और जब हम कांग्रेस के साथ जाते हैं, तो हमें हिंदुत्व विरोध बताया जाता है।

    शिंदे को बताया गद्दार

    उद्धव ने हमेशा की तरह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को गद्दार बताते हुए उन्हें कटप्पा की उपाधि दी। शिवाजी पार्क हर साल शिवसेना की रैली के बाद ही रावण दहन का कार्यक्रम होता है। उद्धव ने एक बार शिंदे को गद्दार बताते हुए कहा कि इस बार का रावण अलग है। समय के साथ रावण भी बदलता है। इस बार का रावण खोखासुर (करोड़ों रुपये लेने वाला) और धोखासुर है। जिस प्रकार रावण ने साधु का रूप धर कर सीताहरण किया था, उसी तरह आजकल शिवसेना का ही पाला हुआ एक तोता बाला साहेब ठाकरे की तस्वीर सामने रखकर शिवसेना पर कब्जा करना चाह रहा है। जिस आदिशक्ति ने महिषासुर को मारा था, वही महिषासुरमर्दिनी इस खोखासुर को खत्म करेंगी।

    शिंदे का उद्धव पर वार, यह आपकी प्राइवेट कंपनी नहीं

    समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे से मुंबई में बाला साहेब ठाकरे के स्मारक पर घुटने टेकने और महाराष्ट्र के लोगों को 'धोखा देने' के लिए माफी मांगने को कहा। शिंदे ने कहा कि इस दशहरा रैली में भारी भीड़ यह दिखाने के लिए पर्याप्त है कि बाला साहेब ठाकरे की विरासत के सच्चे उत्तराधिकारी कौन हैं। शिंदे ने कहा कि यह आपकी (उद्धव ठाकरे) प्राइवेट लिमिटेड कंपनी नहीं है। शिवसेना उन शिवसैनिकों की है, जिन्होंने इसके लिए अपना पसीना बहाया है। आप जैसे लोगों के लिए नहीं, जिन्होंने पार्टनरशिप की और उसे बेच दिया। सीएम शिंदे ने उद्धव की टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा कि वे मुझे 'कटप्पा' कहते हैं। मैं आपको बताना चाहता हूं, कि 'कटप्पा' का भी स्वाभिमान था, आपकी तरह दोहरा मापदंड नहीं था। शिंदे ने ट्वीट में लिखा कि मेरे बेटे, बेटे होने से मेरे उत्तराधिकारी नहीं होंगे, जो मेरे उत्तराधिकारी होंगे, वो मेरे बेटे होंगे।

    उद्धव ठाकरे बोले, वे कटप्पा बन गए और मुझे धोखा दिया

    उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारी वार्षिक परंपरा के अनुसार, 'रावण दहन' समारोह होगा, लेकिन इस वर्ष का रावण अलग है। समय के साथ रावण भी बदल जाता है, वह अब तक 10 सिर वाला हुआ करता था। उसके पास अब कितने सिर हैं? वह 50 गुना अधिक विश्वासघात कर रहे हैं। मुझे केवल एक ही बात बुरी लगी और उस पर गुस्सा है। कि जब मुझे अस्पताल में भर्ती कराया गया, तो जिन लोगों को मैंने (राज्य की) जिम्मेदारी दी, वे कटप्पा बन गए और हमें धोखा दिया। वे मुझे काट रहे थे और सोच रहे थे कि अस्पताल से कभी नहीं लौटूंगा।

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