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    Dussehra Rally: बाला साहेब ठाकरे के बेटे जयदेव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे के साथ साझा किया मंच

    By AgencyEdited By: Sachin Kumar Mishra
    Updated: Wed, 05 Oct 2022 08:29 PM (IST)

    Dussehra Rally मुंबई के बीकेसी मैदान में बुधवार को दशहरा रैली के दौरान बाला साहेब ठाकरे के बेटे जयदेव ठाकरे और महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के साथ मंच साझा किया। एकनाथ शिंदे गुट की दशहरा रैली में भारी भीड़ उमड़ी।

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    बाला साहेब ठाकरे के बेटे जयदेव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे के साथ साझा किया मंच। फोटो एएनआइ

    मुंबई, एजेंसी। Dussehra Rally: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के बीकेसी मैदान में बुधवार को दशहरा रैली के दौरान बाला साहेब ठाकरे के बेटे जयदेव ठाकरे और महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के साथ मंच साझा किया। एकनाथ शिंदे गुट की दशहरा रैली में भारी भीड़ उमड़ी। वहीं, शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने मुंबई के दादर में शिवाजी पार्क में दशहरा रैली की। इस रैली में भी भारी भीड़ जुटी। इस बीच, शिवसेना शिंदे गुट के नेता रामदास कदम ने कहा कि आपके भाई, चचेरे भाई भी आपके साथ नहीं हैं उद्धव जी, अगर आप अपने परिवार को भी बरकरार नहीं रख सकते हैं, तो आप राज्य को कैसे बरकरार रखेंगे। 

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    निहार ठाकरे के साथ स्मिता ठाकरे भी पहुंचीं

    जयदेव ठाकरे की पत्नी स्मिता भी उद्धव ठाकरे के बड़े भाई दिवंगत बिंदुमाधव ठाकरे के बेटे निहार के साथ उपनगरीय मुंबई में दशहरा रैली स्थल बीकेसी के एमएमआरडीए मैदान में मौजूद थीं। दिवंगत बाल ठाकरे के विश्वसनीय सहयोगी चंपा सिंह थापा, जिन्होंने 27 वर्षों तक शिवसेना के संस्थापक की सेवा की, भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। स्मिता ठाकरे ने कहा कि उन्हें शिंदे द्वारा रैली में आमंत्रित किया गया था, जो शिवसेना के विद्रोही गुट के प्रमुख हैं। शिंदे और उद्धव ठाकरे दोनों का दावा है कि उनका गुट असली शिवसेना है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ शिंदे के विद्रोह ने जून में शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को गिरा दिया था।

    उद्धव ठाकरे के भतीजे निहार भी शिंदे गुट में हो चुके हैं शामिल

    इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सगे भतीजे निहार ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। निहार उद्धव के सबसे बड़े भाई बिंदुमाधव ठाकरे के पुत्र व महाराष्ट्र के मंत्री रहे हर्षवर्धन पाटिल के दामाद हैं। बिंदुमाधव ठाकरे की एक सड़क दुर्घटना में 1996 में मौत हो गई थी। उसके बाद से उनकी पत्नी माधवी अपने पुत्र निहार व पुत्री नेहा के साथ राजनीति से दूर ही रह रही थीं। अब पहली बार निहार के रूप में उनके परिवार से कोई राजनीति में आ रहा है, वह भी उद्धव ठाकरे के विरोधी गुट से।

    स्मिता ठाकरे ने सीएम बनने पर शिंदे को दी थी बधाई

    उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की मंझली भाभी व बाला साहेब ठाकरे के दूसरे पुत्र जयदेव ठाकरे की पत्नी स्मिता ठाकरे भी मुख्यमंत्री शिंदे मिलने पहुंची थीं। राज्य अतिथिगृह सह्याद्रि में हुई इस मुलाकात को स्मिता ठाकरे ने शिष्टाचार मुलाकात करार दिया था। एक शिवसैनिक के रूप में एकनाथ शिंदे की तारीफ करते हुए स्मिता ने कहा था कि मैं उनके काम को वर्षों से जानती हूं। अब शिंदे मुख्यमंत्री बन गए हैं, इसलिए मैं उन्हें बधाई देने आई हूं। स्मिता ठाकरे खुद भी राजनीति में गहरी रुचि रखती रही हैं। 1999 में नारायण राणे के शिवसेना-भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री बनने के बाद स्मिता ठाकरे काफी सशक्त मानी जाने लगी थीं, लेकिन परिवार में उद्धव ठाकरे से उनकी पटरी कभी नहीं खाई। यही कारण रहा कि बाद में उन्हें ठाकरे परिवार के बांद्रा स्थित निवास ‘मातोश्री’ से बाहर जाना पड़ा था।

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