'...पाकिस्तान जाइए और वहां रहिए', 26/11 हमले की घायल चश्मदीद ने कांग्रेस नेता को सुनाई खरी-खरी
Vijay Wadettiwar Statement 26/11 के आतंकवादी अजमल कसाब के मुकदमे की सबसे कम उम्र की चश्मदीद गवाह देविका रोटावन ने तत्कालीन महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते के प्रमुख हेमंत करकरे की मौत के बारे में उनके बयान के लिए कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार का नाम लिए बिना उनकी आलोचना की और कहा कि किसी को भी उन घावों पर नमक नहीं छिड़कना चाहिए।

पीटीआई, मुंबई। 26/11 के आतंकवादी अजमल कसाब के मुकदमे की सबसे कम उम्र की चश्मदीद गवाह देविका रोटावन ने तत्कालीन महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते के प्रमुख हेमंत करकरे की मौत के बारे में उनके बयान के लिए कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार का नाम लिए बिना उनकी आलोचना की और कहा कि किसी को भी उन घावों पर नमक नहीं छिड़कना चाहिए।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने दावा किया कि 26/11 के आतंकवादी हमले के दौरान महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते के प्रमुख हेमंत करकरे की मौत कसाब ने नहीं, बल्कि आरएसएस से जुड़े एक पुलिसकर्मी द्वारा चलाई गई गोली से की थी।
BJP उम्मीदवार पर हमला बोलते हुए दिया था बयान
कांग्रेस नेता ने यह बयान तब दिया जब वे 26/11 मुकदमे में विशेष लोक अभियोजक और भाजपा के मुंबई उत्तर मध्य उम्मीदवार उज्ज्वल निकम पर प्रचार के दौरान हमला बोल रहे थे।
देविका ने कहा,
अगर कसाब ने 26/11 को गोली नहीं चलाई तो किसने चलाई? उस आतंकी हमले को कोई कभी नहीं भूल पाएगा। आप हमारे घावों को कुरेदते हैं और फिर उस पर नमक छिड़कते हैं। अगर आपको राजनीति करनी है तो दूसरे विषय पर करें, इस पर नहीं।
CSMT पर गोलीबारी में घायल हुई थी देविका
26 नवंबर 2008 को देविका उनके पिता नटवरलाल और भाई आकाश छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) पर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे, जब कसाब और उसके साथी ने गोलीबारी की थी। इस हमले में देविका के दाहिने पैर में गोली लग गई थी, जिसके बाद उन्हें लंबे समय तक बैसाखी की आवश्यकता पड़ी थी।
देविका कसाब के मुकदमे के दौरान अदालत में गवाही देने वाली सबसे कम उम्र की चश्मदीद गवाह थीं, जिसके बाद अंततः कसाब को मौत की सजा दी गई। उस समय देविका की उम्र 9 वर्ष थी।
'भारत में क्या कर रहे हैं?'
अगर वह (विजय वडेट्टीवार) पाकिस्तान का समर्थन करना चाहते हैं तो भारत में क्या कर रहे हैं? उज्ज्वल निकम के खिलाफ आरोप गलत हैं, उन्होंने देश के लिए बहुत कुछ किया और कसाब को फांसी की सजा दिलवाई।
विजय वडेट्टीवार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि वह चुनाव के समय ही ऐसे बयान दे रहे हैं और कहा कि उन्हें इस देश में रहने का अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा,
उज्ज्वल निकम ने झूठ नहीं बोला या अपने देश के साथ विश्वासघात नहीं किया। अगर आप कसाब की तारीफ करना चाहते हैं, तो पाकिस्तान जाइए और वहां रहिए।
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