केसी वेणुगोपाल और उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर साधा निशाना, कहा- देश में लोकतंत्र की लड़ाई हम एक साथ मिलकर लड़ेंगे
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मुंबई में शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने भाजपा पर जमकर हमला बोला। वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस का उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ पूरी एकजुटता है। फोटो- एएनआई।
मुंबई, पीटीआई। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में लोकतंत्र को समाप्त कर दिया है। इस तानाशाही के खिलाफ सभी विपक्षी दलों को एकजुट होकर इसका मुकाबला करने की जरूरत है। वह सोमवार शाम को मुंबई पहुंचे और उन्होंने शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ आधे घंटे से अधिक समय तक बैठक की।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ कांग्रेस एकजुट
बैठक के बाद दोनों नेताओं ने मीडिया से बातचीत की। वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस का उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ पूरी एकजुटता है। हम सब इस बात पर सहमत हैं कि हमें इन ताकतों से मिलकर लड़ना है। मीडिया के एक सवाल पर उन्होंने कहा कि मैंने उद्धव से सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली आने का अनुरोध किया है। फिर राहुल गांधी भी निश्चित तौर पर मुंबई आएंगे।
उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर साधा निशाना
वहीं, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस नेताओं से मुलाकात के बाद कहा कि हमने 25-30 साल तक भाजपा से संबंध बनाए रखा, लेकिन उन्हें समझ नहीं आया कि कौन दोस्त है और कौन विरोधी। उन्होंने आगे कहा कि देश में लोकतंत्र की लड़ाई हम एक साथ मिलकर लड़ेंगे।
भाजपा अन्य पार्टियों के साथ दे रही है धोखा
उन्होंने आगे कहा, "पिछली बार जब भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा मुंबई आए थे, तो उन्होंने कहा था कि वहां केवल पार्टी होगी और वह बीजेपी है। यह अन्य सभी पार्टियों के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात है। जिस तरह से उन्होंने शिवसेना को खत्म करने की कोशिश की और पार्टी को धोखा दिया वे दूसरी पार्टियों के साथ भी ऐसा ही करने की कोशिश कर रहे हैं।"
अनुराग ठाकुर ने बोला हमला
वहीं, केसी वेणुगोपाल की उद्धव ठाकरे से मुलाकात पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में घीरे दल एक दूसरे का सहारा लेने का प्रयास करते हैं लेकिन ये 'महाठगबंधन' कभी भी पहले प्रयास किया, उसे जनता ने कभी नहीं स्वीकार न आगे स्वीकारेंगे।
मालूम हो कि शिवसेना (उद्धव गुट), कांग्रेस और राकांपा ने महाविकास आघाड़ी का गठन किया था, जो पिछले साल जून तक महाराष्ट्र में सत्ता में रही। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में कुछ विधायकों की बगावत के कारण शिवसेना में विभाजन हो गया।