Climate Change: जलवायु परिवर्तन और आपदाओं के कारण 40 करोड़ से अधिक भारतीय हो सकते है प्रभावित: रिपोर्ट
जलवायु संबंधी एक बड़ा संकट 40 करोड़ (400 मिलियन) से अधिक भारतीयों को प्रभावित कर सकता है और भारत ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है। जलवायु परिवर्तन पर 2023 अंतर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) की रिपोर्ट इस सप्ताह जारी की गई थी।
मुंबई, एजेंसी। जलवायु संबंधी एक बड़ा संकट 40 करोड़ (400 मिलियन) से अधिक भारतीयों को प्रभावित कर सकता है और भारत ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है। जलवायु परिवर्तन पर 2023 अंतर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) की रिपोर्ट इस सप्ताह जारी की गई थी।
इसी के आधार पर विशेषज्ञों ने ये चेतावानी दी है। IPCC-2023 ने वैश्विक स्तर पर बढ़ते तापमान और समुद्र के स्तर में वृद्धि की ओर इशारा किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके भारत और कई क्षेत्रों विशेषकर तटीय क्षेत्रों के लिए खतरनाक प्रभाव पड़ सकता हैं।
क्या कहती है IPCC-2023 की रिपोर्ट?
इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के डॉ. अंजल प्रकाश और आईपीसीसी के प्रमुख लेखक ने कहा कि आईपीसीसी रिपोर्ट में 6 रिपोर्ट को समेकित किया गया है और नीति के लिए महत्वपूर्ण परिणाम बताए गए हैं। बढ़ते मौसम की तीव्रता के कारण भारत के कृषि, सार्वजनिक स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था पर गंभीर परिणाम पैदा होंगे।
आईपीसीसी संश्लेषण रिपोर्ट के 93 लेखकों में से एक एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की प्रोफेसर जॉयश्री रॉय ने इस विषय पर कहा कि यह पहली बार है जब एक साथ 6 रिपोर्ट प्रकाशित हुई हैं।
जलवायु घटनाएं बढ़ी
IPCC-2023 के आधार पर, विशेषज्ञों ने जलवायु वित्त में मौजूदा कमी को दूर करने की आवश्यकता का आग्रह किया है। भारत और वैश्विक दक्षिण दुनिया का वह हिस्सा है जिसने जलवायु परिवर्तन में 'कम से कम' योगदान दिया है। इसने चक्रवात, बाढ़, पानी की कमी, कृषि पर प्रभाव, खाद्य सुरक्षा और संबंधित आपदाओं जैसी विभिन्न जलवायु घटनाओं को प्रभावित किया है।
विशेषज्ञों ने भारत के लिए जारी की चेतावनी
विशेषज्ञ भारत के लिए जलवायु परिवर्तन से बड़े जोखिमों की ओर इशारा करते हैं। 2015 के पेरिस समझौते के अनुसार, भारत को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और ग्लोबल वार्मिंग को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे तक सीमित करने के लिए 'तत्काल कार्रवाई' करने की जरूरत है।
विशेषज्ञों ने कहा कि भारत के विभिन्न हिस्सों में हाल ही में बेमौसम बारिश की भविष्यवाणी आईपीसीसी की रिपोर्ट और जलवायु मॉडल द्वारा की गई थी। इसमें किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। भविष्य में जलवायु से संबंधित चरम मौसम की घटनाएं कृषि पर निर्भर लोगों के जीवन और आजीविका को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है।
भारत को देना होगा ध्यान
अंजल प्रकाश ने कहा कि यह खतरनाक है और भारत को इस पर ध्यान देना चाहिए। बदलते जलवायु परिदृश्य के कारण प्रभावित लोगों के जीवन को सुनिश्चित करने के लिए भारत को नई योजना तैयार करना चाहिए।
महाराष्ट्र काफी हद तक मानसून पर निर्भर करता है, लेकिन अधिक गर्मी और उच्च तापमान के कारण स्वास्थ्य समस्याएं, कृषि, उद्योगों और घरों के लिए पानी की गंभीर कमी हो सकती है। बदलते तापमान-वर्षा पैटर्न के कारण फसल की पैदावार और खाद्य सुरक्षा के लिए गंभीर प्रभाव के साथ कृषि कई तरह से प्रभावित हो सकती है।