Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chhath Puja 2022, Mumbai: मुंबई में 81 जगह पर मनायी जाएगी छठ पूजा, सुरक्षा के खास इंतजाम

    By Jagran NewsEdited By: Babita Kashyap
    Updated: Sat, 29 Oct 2022 08:48 AM (IST)

    Chhath Puja 2022 Mumbai 28 अक्‍टूबर से चार दिवसीय छठ पूजा नहाय-खाय के साथ प्रारंभ हो चुकी है। मुंबई में भीड़ की आशंका को देखते हुए जुहू चौपाटी समेत 81 जगहों पर सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं। समुद्र किनारे लाइफ गार्ड भी लगाये गए हैं।

    Hero Image
    Chhath Puja 2022 Mumbai: 81 जगहों पर छठ पूजा मनायी जाती है।

    मुंबई, एजेंसी। Chhath Puja 2022 Mumbai: आस्‍था का महापर्व छठ पूजा 28 अक्‍टूबर से प्रारंभ हो गई है। जिसे देखते हुए मुंबई में भी खास इंतजाम किए गए हैं। शहर में 81 जगहों पर छठ पूजा मनायी जाती है। समाचार एजेंसी के मुताबिक जुहू चौपाटी जैसे स्‍थानों में अधिक भीड़ की आशंका को देखते हुए खास इंतजाम किए गए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विश्वास नांगरे पाटिल, ज्वाइंट सीपी, (एल एंड ओ) ने बताया कि ट्रैफिक मैनेज करने के लिए खास व्‍यवस्‍था की गई है। 31 अक्‍टूबर की सुबह हाइ टाइड को देखते हुए लाइफ गार्ड लगाए गए हैं।

    36 घंटे निर्जल व्रत रखा जाता है

    चार दिवसीय छठ पर्व की शुरुआत नहाय-खाय से शुरू होती है। छठ व्रती को 36 घंटे तक निर्जल व्रत रखना होता है, ये व्रत काफी कठिन होता है। कार्तिक मास की शुक्‍ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन नहाय-खाय के साथ व्रत प्रारंभ होता है। छठ पर्व पर षष्‍ठी मैया और सूर्य भगवान को अर्घ्‍य दे उनकी पूजा की जाती है।

    इस महा पर्व को सूर्य षष्‍ठी के नाम से भी जाना जाता है। ये व्रत को संतान और घर में सुख शांति के लिए रखा जाता है। चार दिवसीय इस पर्व के पहले दिन नहाय खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्‍य दिया जाता है और चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्‍य देते हैं जिसके बाद व्रत का पारण होता है।

    खरना के बाद षष्‍ठी देवी का होता है आगमन

    छठ महापर्व पर सूर्य देव की पूजा का खास महत्‍व है। पर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है, व्रती स्‍नान कर नए कपड़े पहनती है। पूजा की जाती है जिसके बाद चना दाल, कद्दू की सब्‍जी व अरवा चावल का प्रसाद ग्रहण किया जाता है। व्रती के भोजन के उपरांत परिवार के अन्‍य सदस्‍य भोजन करते हैं।

    नहाय-खाय के दिन भोजन के बाद अगले दिन शाम को खरना की पूजा की जाती है। इसमें लकड़ी के चूल्‍हे पर गुड़ की खीर बनाकर प्रसाद की तरह खायी जाती है। जिसके बाद व्रती के 36 घंटे के निर्जला उपवास की शुरुआत हो जाती है। ऐसी मान्‍यता है कि षष्‍ठी देवी का आगमन खरना पूजा के बाद शुरू हो जाता है।

    यह भी पढ़ें-

    CM Rise School: मध्‍य प्रदेश में 69 सीएम राइज स्कूलों का भूमिपूजन आज, मुख्‍य कार्यक्रम इंदौर में

    Singrauli News: दुधमुंहे बच्‍चों संग कुएं में कूद मां ने दी जान, देर शाम पानी में तैरते दिखे शव