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यौन उत्पीड़न का मामला: युवती की मां की सहमति के बाद बोम्बे HC ने युवक के खिलाफ केस किया रद्द

बोम्बे हाई कोर्ट ने 19 साल के एक युवक के खिलाफ उसकी उम्र और पीड़िता की मां की सहमति के बाद दर्ज किए गए यौन उत्पीड़न के मामले को खारिज कर दिया है। दोनों ही छात्र और छात्रा सहमति से साथ रहे थे। (फाइल फोटो)

By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaPublished: Fri, 03 Mar 2023 03:33 PM (IST)Updated: Fri, 03 Mar 2023 03:33 PM (IST)
Maharashtra: युवती की मां की सहमति के बाद बोम्बे HC ने युवक के खिलाफ केस किया रद्द

मुंबई, पीटीआई। बोम्बे हाई कोर्ट ने 19 साल के एक युवक के खिलाफ उसकी उम्र और पीड़िता की मां की सहमति के बाद दर्ज किए गए यौन उत्पीड़न के मामले को खारिज कर दिया है। जस्टिस नितिन साम्ब्रे और एस जी दिगे की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी एक छात्र था। साथ ही पीड़िता और वह दोस्त थे और दोनों लड़की के माता-पिता को सूचित किए बिना साथ रहे थे।

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मां को बिना बताए युवक के साथ रही थी पीड़िता

हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि मां पिता को बिना बताए साथ रहने के लिए लड़की की मां ने कथित आरोपी के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत दर्ज कराई थी। इसलिए युवक ने अपने ऊपर लगे आरोपों के लिए अदालत से गुहार लगाई थी कि उसके खिलाफ मामला रद्द किया जाए। इसके बाद पीड़िता की मां ने अपनी शिकायत वापस ले ली थी। पीड़िता की मां ने हाई कोर्ट को सूचित किया कि उन्होंने युवक के खिलाफ एफआईआर रद्द करने के लिए अपनी सहमति दे दी है।

पीड़िता की मां की सहमति से केस हुआ रद्द

पीड़िता की मां की सहमति के बाद अदालत ने मामले को रद्द कर दिया है। अपने आदेश में हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता के एक छात्र है, इसलिए उसके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही जारी रखना न्याय के हित के विपरीत होगा। ऐसे में दोनों ही पक्षों को समान रूप से कठिनाईयों का सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षो की ओर से मामले को रद्द करने में सहमति मिल गई है, इसलिए अदालत ने फैसला रद्द कर दिया है।

साल 2021 में युवक के खिलाफ हुई थी एफआईआर

गौरतलब है कि युवक के खिलाफ नवंबर 2021 में भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (शील भंग) और 363 (अपहरण) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की धारा 8 और 12 (यौन उत्पीड़न) के तहत मामला दर्ज किया गया था। पीड़िता की मां ने अदालत में कहा था कि अपनी बेटी से बात करने के बाद उसे पता चला कि लड़की अपने माता-पिता को बताए बिना कुछ समय के लिए उस व्यक्ति के साथ रही थी।

युवक का नहीं था अपहरण का कोई इरादा

युवक ने अपनी याचिका में कहा है कि पीड़िता और उसकी मां को इस बात की जानकारी नहीं है इसलिए मेरे खिलाफ अपराध दर्ज किया गया था। उसने अदालत को यह भी बताया कि उस पर लगा अपहरण के आरोप के तहत उसका ऐसा कोई इरादा नहीं था।


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