Mumbai: खतरनाक रूप से चिह्नित हो चुके भवनों को लेकर नियमों की अनदेखी कर रहा बीएमसी
किसी भवन को खतरनाक और जीर्ण-शीर्ण चिह्नित करते हुए जब टीएसी सी1 श्रेणी में चिह्नित किया जाता है तो भवन को गिराना होता है लेकिन ऐसे मामले सामने आये हैं जहां बीएमसी ने ऐसा नहीं किया। सांकेतिक तस्वीर।

मुंबई, जेएनएन। बीते दिनों हुए विभिन्न हादसे से बीएमसी सबक नहीं सीख रही है। नियमों को ताक पर रखते हुए बीएमसी लगातार इसका उल्लंघन कर रहा है। किसी भवन को खतरनाक और जीर्ण-शीर्ण चिह्नित करते हुए, जब टीएसी सी1 श्रेणी में चिह्नित किया जाता है, तो भवन को गिराना होता है, लेकिन ऐसे मामले सामने आये हैं, जहां बीएमसी ने ऐसा नहीं किया।
दुर्घटनाओं से सबक सीखने की जरूरत
मुंबई के मलाड में अधिकारियों ने टीएसी सी1 श्रेणी में चिह्नित आवासीय हिस्से को ध्वस्त कर दिया और व्यावसायिक दुकानों को व्यवसाय करने के लिए छोड़ दिया। बता दें कि बीएमसी को पिछले साल हुए हादसे से सबक सीखना बाकी है, जिसमें कुर्ला इमारत ढहने से 19 लोगों की मौत हो गई थी।
नियमों की अनदेखी कर रहा बीएमसी
टीएसी (तकनीकी सलाहकार समिति) द्वारा मलाड पश्चिम रेलवे स्टेशन के सामने एक लगभग 100 साल पुरानी इमारत को खतरनाक और जर्जर (सी1 श्रेणी) घोषित करने के बावजूद बीएमसी ने जर्जर ढांचे के केवल आवासीय हिस्से को गिरा दिया है और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान को छोड़ है। इससे यहां रहने वाले और सड़कों से गुजरने वाले यात्रियों के लिए खतरा पैदा हो रहा है।
क्या कहता है नियम?
नियमों के अनुसार, एक बार टीएसी किसी भी संरचना को जीर्ण-शीर्ण घोषित कर देता है और इसे सी1 के रूप में चिह्नित कर देता है, तो बीएमसी को निकासी नोटिस देना होता है और पूरे ढांचे को ध्वस्त करना होता है, लेकिन कई मामलों में भवनों को आंशिक रूप से तोड़ कर छोड़ दिया है, जो खतरनाक साबित हो सकता है।
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