बदलापुर एनकाउंटर: केस वापस लेना चाहते हैं माता-पिता, कहा- मेरी बहू ने...
एनकाउंटर में अक्षय शिंदे की मौत के बाद उसके पिता ने मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर पुलिस द्वारा अपने बेटे की हत्या का आरोप लगाते हुए इस मामले की जांच की मांग की थी। लेकिन अब अक्षय का परिवार इस याचिका को वापस लेना चाहता है। उन्होंने कहा कि मेरी बहू ने एक बच्चे को जन्म दिया है। उनकी देखभाल की जरूरत है। हम भागदौड़ नहीं कर सकते।

राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र के चर्चित बदलापुर एनकाउंटर मामले में मारे गए आरोपी अक्षय शिंदे के माता-पिता ने अपने बेटे की हत्या की जांच के लिए दायर याचिका वापस लेने की इच्छा जताई है। अक्षय शिंदे की पिछले साल 23 सितंबर को पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी। वह बदलापुर के एक स्कूल में दो छोटी बच्चियों के शारीरिक शोषण का आरोपी था।
एनकाउंटर में अक्षय शिंदे की मौत के बाद उसके पिता ने मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर पुलिस द्वारा अपने बेटे की हत्या का आरोप लगाते हुए इस मामले की जांच की मांग की थी।
पुलिसकर्मियों को ठहराया था जिम्मेदार
- उच्च न्यायालय के आदेश पर एक मैजिस्ट्रेट द्वारा की गई जांच में पांच पुलिसकर्मियों को जिम्मेदार ठहराए जाने के बाद इसी वर्ष 20 जनवरी को उच्च न्यायालय ने पांचों पुलिसकर्मियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू करने का निर्देश दिया था।
- लेकिन आज अक्षय शिंदे ने माता-पिता ने अदालत में जाकर अपने बेटे की ‘हत्या’ की जांच के लिए दायर याचिका वापस लेने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मेरी बहू ने एक बच्चे को जन्म दिया है। हमें उनकी देखभाल की जरूरत है। हम इतनी भागदौड़ नहीं कर सकते। इसलिए हम अपनी याचिका वापस लेना चाहते हैं।
- उनकी याचिका पर सुनवाई कर रही पीठ की न्यायमूर्तिद्वय रेवती मोहिते-डेरे एवं डॉ.नीला गोखले ने उनसे पूछा कि क्या आप ये फैसला किसी दबाव की वजह से ले रहे हैं। तो अक्षय के माता-पिता ने किसी भी तरह के दबाव से इंकार किया। इसके बावजूद पीठ ने कहा कि हम ये याचिका बंद नहीं कर सकते। हम इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई करेंगे।
अब तक एफआईआर दर्ज नहीं
पीठ ने राज्य सरकार से सवाल किया कि क्या मैजिस्ट्रेट जांच में दोषी ठहराए गए पुलिसकर्मियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई? इसके उत्तर में सरकार की ओर से पेश वकील अमित देसाई ने कहा कि राज्य सीआईडी द्वारा अभी भी एक जांच चल रही है।
जब तक जांच एजेंसी के सामने सारी जानकारी नहीं आ जाती, तब तक एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती। बता दें कि अभी अक्षय शिंदे की मौत के मामले में सिर्फ एक्सीडेंटल डेथ रिपोर्ट (एडीआर) के आधार पर जांच चल रही है।

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