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    Maharashtra: मनसुख हिरेन की हत्या के लिए हुई 45 लाख रुपये की फंडिंग!

    By Sachin Kumar MishraEdited By:
    Updated: Thu, 01 Jul 2021 11:02 PM (IST)

    Maharashtra राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गुरुवार को अदालत को बताया कि उसे संदेह है कि मनसुख हिरेन की हत्या के लिए 45 लाख रुपये की फंडिंग की गई। एनआइए ने द ...और पढ़ें

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    अंटीलिया मामले के आरोपित मनीष व सतीश अभी एनआइए हिरासत में रहेंगे। फाइल फोटो

    फैजान खान, मिड डे (मुंबई)। मशहूर उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर (अंटीलिया) के पास से विस्फोटक लदी कार बरामद होने और ठाणे के कारोबारी मनसुख हिरेन हत्याकांड में आए दिन नई बातें सामने आ रही हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने गुरुवार को अदालत को बताया कि उसे संदेह है कि मनसुख हिरेन की हत्या के लिए 45 लाख रुपये की फंडिंग की गई। एनआइए ने दावा किया कि उसे लेनदेन के एक अहम लिंक का पता चला है। आरोपित लाल रंग की टवेरा कार में मनसुख की हत्या के बाद नेपाल फरार हो गए थे। एनआइए ने बताया कि उसे एक सीसीटीवी प्राप्त हुआ है, जिसमें हत्यारोपित चार मार्च को ठाणे के घोडबांदर रोड पर मनसुख के साथ देखे गए।

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    विशेष अदालत में आरोपित सतीश मुटकोरी व मनीष सोनी को पेश करते हुए एनआइए ने उनकी हिरासत बढ़ाने की मांग की। एजेंसी ने कहा कि उसे 45 लाख रुपये के लेनदेन के साक्ष्य मिले हैं। आशंका है कि अंटीलिया कांड के बाद उन रुपये का उपयोग मनसुख की हत्या के लिए किया गया, क्योंकि वह बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे का आदेश नहीं मान रहा था। एनआइए ने कहा कि हत्याकांड में 45 लाख रुपये की फंडिंग तो बहुत छोटी रकम है, संदेह है कि इसमें करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं। इस मामले में कुछ और लोग संलिप्त हैं, जिनके बारे में जानकारी हासिल किए जाने की जरूरत है।

    इसके बाद कोर्ट ने सतीश व मनीष की एनआइए हिरासत पांच जुलाई तक बढ़ा दी। अदालत में बहस के दौरान लोक अभियोजक ने कहा कि मनसुख हत्याकांड के आरोपित के हवाले से 35 हजार रुपये बरामद हुए हैं। कोर्ट ने आपत्ति जताते हुए कहा कि यह राशि बड़ी नहीं है। इस पर लोक अभियोजक ने कहा कि यहां पांच हजार रुपये के लिए हत्या हो जाती है, ऐसे में एनआइए जानना चाहती है कि आरोपित के पास 35 हजार रुपये कहां से आए। गौरतलब है कि 25 फरवरी को मुंबई स्थित अंटीलिया के पास विस्फोटक लदी कार बरामद हुई थी, जो मनसुख की थी। मनसुख ने कार चोरी होने का दावा किया था और उसकी लाश पांच मार्च को मुंब्रा स्थित एक झील में पाई गई थी।