Andheri East Bypoll Result: अंधेरी उपचुनाव में 14.89 फीसद वोट ले गया NOTA
Andheri East Bypoll Result मुंबई की अंधेरी (पूर्व) विधानसभा सीट के लिए हुआ उपचुनाव शिवसेना उद्धव बाला साहब ठाकरे यानी उद्धव ठाकरे गुट ने जीत लिया है लेकिन इस चुनाव की खास बात रही नोटा (ऊपर के उम्मीदवारों में से कोई नहीं) को 14.89 फीसद वोट मिले।

मुंबई, राज्य ब्यूरो। Andheri East Bypoll Result: महाराष्ट्र में मुंबई की अंधेरी (पूर्व) विधानसभा सीट के लिए हुआ उपचुनाव शिवसेना उद्धव बाला साहब ठाकरे यानी उद्धव ठाकरे गुट ने जीत लिया है, लेकिन इस चुनाव की खास बात रही नोटा (ऊपर के उम्मीदवारों में से कोई नहीं) को 14.89 फीसद वोट मिले।
इस सीट पर इसलिए हुआ चुनाव
अंधेरी (पूर्व) विधानसभा सीट का उपचुनाव शिवसेना विधायक रमेश लटके के असामयिक निधन के कारण हुआ था। लटके की मृत्यु के बाद ही शिवसेना को बड़ी टूट का सामना करना पड़ा और उसके नेतृत्व में चल रही सरकार भी चली गई। हालांकि दिवंगत रमेश लटके की विधवा ऋतुजा लटके उद्धव ठाकरे गुट के ही साथ रहीं और उपचुनाव में उद्धव ठाकरे ने टिकट भी उन्हीं को दिया। ऋतुजा लटके के विरुद्ध शुरुआत में भाजपा ने अपना उम्मीदवार भी खड़ा किया था, लेकिन बाद में यह कहते हुए अपने उम्मीदवार मुरजी पटेल को पर्चा वापस लेने का निर्देश दे दिया कि महाराष्ट्र में दिवंगत विधायक या सांसद के परिजनों के विरुद्ध उम्मीदवार खड़ा करने का चलन नहीं है। इसलिए भाजपा अपना उम्मीदवार वापस ले रही है।
निर्दलीय उम्मीदवार नीना खेडेकर को 1509 वोट ही मिले
भाजपा के उम्मीदवार वापस लेने के बावजूद ऋतुजा लटके के विरुद्ध छह उम्मीदवार डटे रहे। ये सारे उम्मीदवार निर्दलीय व छोटे दलों के थे। ऋतुजा को महाविकास आघाड़ी के दलों यानी कांग्रेस, राकांपा का भी समर्थन प्राप्त था। एक तरह से यह चुनाव ऋतुजा लटके के लिए एकतरफा हो गया था। इसका उन्हें लाभ भी मिला। उन्हें 65,618 वोट मिले, जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी निर्दलीय उम्मीदवार नीना खेडेकर को 1509 वोट ही मिले। ऋतुजा की जीत 64,109 वोटों से हुई। लेकिन आश्चर्यजनक यह रहा कि वास्तव में दूसरे स्थान पर निर्दलीय उम्मीदवार नीना खेडेकर नहीं, बल्कि नोटा रहा। नोटा को 12,721 वोट मिले। ये कुल मतदान का 14.89 प्रतिशत रहा।
नोटा के लिए मतदाताओं को पैसे देने के लगे थे आरोप
मतदान के कुछ दिनों पहले ही शिवसेना उद्धव बाला साहब ठाकरे के नेता अनिल परब ने आरोप लगाया था कि अंधेरी (पूर्व) के चुनाव में नोटा को वोट देने के लिए मतदाताओं को पैसे दिए जा रहे हैं। हालांकि उनके इस आरोप का भाजपा ने खंडन किया था।
बड़ी पार्टी का उम्मीदवार न होने से एकतरफा हो गया था चुनाव
शिवसेना उद्धव बाला साहब ठाकरे को इस चुनाव से चंद दिनों पहले ही चुनाव आयोग द्वारा नया चुनाव चिह्न ‘मशाल’ आवंटित किया गया था। ऋतुजा ने इसी चुनाव चिह्न पर अपना चुनाव लड़ा था, लेकिन उनके सामने किसी बड़ी पार्टी का उम्मीदवार न होने के कारण यह चुनाव रोमांचहीन ही गुजर गया। माना जा रहा है कि भाजपा चाहती भी यही थी। वह नहीं चाहती थी कि जल्दी ही होने जा रहे मुंबई महानगरपालिका चुनाव से ठीक पहले उद्धव ठाकरे गुट को मुंबई में कोई चुनावी माहौल बनाने का मौका मिले। वह अपनी इस रणनीति में सफल भी रही।
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