Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लोकसभा सांसद राजन विचारे का आरोप- शिंदे की पार्टी हड़प रही ‘शाखाएं’, विधान भवन पर भी Shinde गुट का कब्जा

    By Jagran NewsEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Mon, 27 Feb 2023 07:28 PM (IST)

    सांसद राजन विचारे ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि उच्चतम न्यायालय में शपथ पत्र और मुख्यमंत्री शिंदे के सेना की संपत्तियों पर दावा नहीं करने के सार्वजनिक बयानों के बावजूद उनकी पार्टी द्वारा शाखाओं को हथियाया जा रहा है।

    Hero Image
    महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की फाइल फोटो।

    ठाणे (पीटीआई)। शिवसेना (UBT) के नेता और ठाणे से लोकसभा सांसद राजन विचारे ने सोमवार को आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना के पदाधिकारियों ने शहर की लोकमान्य नगर शाखा हड़प ली है। यह शाखा पार्टी के विभाजित होने से पूर्व कई वर्षों से चल रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लोकमान्य नगर शाखा को जबरदस्ती किया कब्जा

    विचारे ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि उच्चतम न्यायालय में शपथ पत्र और मुख्यमंत्री शिंदे के सेना की संपत्तियों पर दावा नहीं करने के सार्वजनिक बयानों के बावजूद उनकी पार्टी द्वारा शाखाओं को हथियाया जा रहा है। उनका कहना है कि शिंदे समर्थकों ने लोकमान्य नगर शाखा को जबरदस्ती अपने कब्जे में ले लिया है।

    शिंदे गुट को धनुष और तीर का चुनाव चिह्न आवंटित

    बता दें चुनाव आयोग ने इस महीने की शुरुआत में शिंदे गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी और उसे धनुष और तीर का चुनाव चिह्न आवंटित किया। तभी से अविभाजित पार्टी की संपत्तियों के स्वामित्व के बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं।

    इन संपत्तियों में पार्टी के स्थानीय कार्यालय 'शाखाएं' भी शामिल है। यहां पार्टी के कार्यकर्ता राजनीतिक गतिविधियों के लिए एकत्र होते रहते हैं। कैडर दिन भर आते-जाते रहते हैं। इनमें से कई शाखाएं या कार्यालय किराए पर ली गईं संपत्तियां हैं या इन्हें पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा पार्टी के उपयोग के लिए दिया गया है।

    विधान भवन कार्यालय कब्जा चुका है शिंदे गुट

    मालूम हों कि चुनाव आयोग में चुनाव चिह्न के मामले में जीत के बाद मुख्यमंत्री का गुट विधान भवन में शिवसेना कार्यालय पर कब्जा कर चुका है, लेकिन पार्टी का कहना है कि पार्टी उद्धव ठाकरे गुट के फंड और अन्य संपत्तियों पर दावा नहीं करेगी। पार्टी दोनों गुटों के कार्यकर्ताओं के बीच वैमनस्य बढ़ाने से बचना चाहती है।