Air India Building: बिकने जा रही है एयर इंडिया की 74 साल पुरानी ऐतिहासिक बिल्डिंग, महाराष्ट्र सरकार ने लगाई बोली
Air India Building Nariman Point महाराष्ट्र सरकार 1600 करोड़ रुपये में अरब सागर के तट पर नारीमन प्वाइंट पर स्थित एयर इंडिया की ऐतिहासिक इमारत को खरीदेगी। बुधवार को सीएम एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गई। नवंबर 2013 में एयर इंडिया इस इमारत को खाली कर अपना मुख्यालय नई दिल्ली ले गई थी।

आईएएनएस, मुंबई। महाराष्ट्र सरकार 1600 करोड़ रुपये में अरब सागर के तट पर नारीमन प्वाइंट पर स्थित एयर इंडिया की ऐतिहासिक इमारत को खरीदेगी। बुधवार को सीएम एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गई। नवंबर, 2013 में एयर इंडिया इस इमारत को खाली कर अपना मुख्यालय नई दिल्ली ले गई थी।
सरकार इस इमारत को जल्द से जल्द अपने कब्जे में लेना चाहती है और इसके लिए उसने एयर इंडिया के तमाम शुल्क को माफ करने का निर्णय लिया है। यह इमारत महाराष्ट्र विधानसभा और मंत्रालय (सचिवालय) से मात्र 100 मीटर की दूरी पर स्थित है।
इमारत में लगी है प्राइवेट लिफ्ट
इमारत का एक अनूठा पहलू यह है कि इसमें एक निजी लिफ्ट है जो नीचे से शीर्ष फ्लोर तक जाती है। इसे तत्कालीन एयर इंडिया चेयरमैन के लिए लगाया गया था। यह उस समय की बात है जब विमानन कंपनी की कमान सरकार के पास थी। इमारत को खरीदने के बाद महाराष्ट्र सरकार को अपने ऑफिसों के लिए 46,500 वर्ग मीटर की जगह मिल जाएगी।
कई सरकारी विभाग किराए की इमारतों से चल रहे हैं
साल 2012 में सचिवालय में आग लगने के बाद कई विभागों का कामकाज प्रभावित हो गया था। कई विभाग किराए की इमारतों से चल रहे हैं। किराए के तौर पर सरकार प्रति वर्ष इन पर 200 करोड़ खर्च करती है। इन विभागों को अन्य के साथ एयर इंडिया भवन में स्थानांतरित करने की योजना है।
इमारत में हैं 23 मंजिल
इस इमारत का मालिकाना हक एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) के पास है। इमारत में 23 मंजिल हैं, जिनमें से नौ खाली हैं। इनमें ही राज्य सरकार के विभाग स्थानांतरित होंगे। आठ मंजिलों पर आयकर विभाग का कार्यालय है और तीन मंजिलों पर जीएसटी कार्यालय है। नीचे की दो मंजिलें अभी भी एयर इंडिया के पास हैं। इमारत में टू-लेवल अंडरग्राउंड पार्किंग भी है।
2018 में भी राज्य सरकार ने लगाई थी बोली
साल 2018 में इस इमारत को बिक्री के लिए रखा गया था और एलआईसी और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी ने भी बोली लगाई थी। उस समय भी राज्य सरकार की बोली सबसे ज्यादा थी। एयर इंडिया उस समय ऊपर की दो मंजिलें अपने पास रखना चाहती थी, लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं हुई। नए सौदे के मुताबिक सरकार के पास इमारत का पूरा मालिकाना हक होगा। एलआइसी का मुख्यालय एयर इंडिया के सामने हैं जबकि, जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट का ऑफिस इस ऐतिहासिक इमारत से दो किमी दूर है।
राज्य सरकार द्वारा दी गई जमीन पर बनी थी यह इमारत
इस इमारत का निर्माण साल 1949 में राज्य सरकार द्वारा दी गई जमीन पर किया गया था। उस समय सरकार की योजना नरीमन प्वाइंट कांप्लेक्स को न्यूयार्क के मैनहट्टन की तर्ज पर एक वाणिज्यिक केंद्र के तौर पर विकसित करने थी। नरीमन प्वाइंट पर दो पांच सितारा होटल, कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बैंकों के मुख्यालय, बहुराष्ट्रीय कंपनियां, विदेशी वाणिज्य दूतावास, कई भारतीय कॉरपोरेट घरानों और मीडिया घरानों के मुख्यालय हैं।
साल 1993 के सीरियल ब्लास्ट में यह इमारत भी आतंकवादियों का निशाना बनी थी। इमारत के बेसमेंट गैराज में एक कार बम विस्फोट हुआ था, जिसमें 20 लोगों की मौत हो गई थी और ऊपर स्थित बैंक ऑफ ओमान का कार्यालय नष्ट हो गया था।

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