भीमा-कोरेगांव हिंसा मामला: मोतियाबिंद का आपरेशन कराने के लिए हैदराबाद नहीं जा सकेंगे वरवर, एनआईए ने ठुकराइ अपील
मुंबई में एनआईए की विशेष अदालत ने वरवर राव की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने माेतियाबिंद की सर्जरी कराने के लिए हैदराबाद जाने की अनुमति देने की अपील की थी क्योंकि मुंबई में रहकर अपरेशन कराना उनके लिए मुमकिन नहीं है।
मुंबई, एजेंसी। मुंबई (Mumbai) में एनआईए की विशेष अदालत ने तेलुगू कवि और भीमा कोरेगांव-एलगार परिषद (Bhima Koregaon-Elgar Parishad Case) के आरोपी पी वरवर राव (Varavara Rao) की मोतियाबिंद की सर्जरी कराने के लिए तीन महीने के लिए हैदराबाद जाने की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने यह कहते हुए उनकी अपील को ठुकराया कि उन्हें अगले तीन महीने के दरमियान उनके खिलाफ आरोप तय करने हैं।
NIA स्पेशल कोर्ट ने इन वजहों से ठुकराई अपील
एनआईए स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश राजेश कटारिया ने कहा कि कोर्ट को आरोपी के खिलाफ आरोप तय करने हैं और इसके साथ ही साथ 18, 2022 को दिए गए आदेश से तीन महीने की अवधि में लंबित उन्मोचित (Discharge) आवेदन पर भी निर्णय लेना है।
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राव ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
गौरतलब है कि पी वरवर राव ने उन्हें जमानत देने के एनआईए के आदेश में संशोधन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है और सर्जरी के लिए हैदराबाद जाने की इजाजत मांगी है। हालांकि, जमानत की शर्तों के मुताबिक, एलगार परिषद की सुनवाई खत्म होने तक राव को मुंबई में ही रहना है।
10 अगस्त को दी गई थी जमानत
इसकी सुनवाई की प्रक्रिया अभी शुरू होनी है। मालूम हो कि 10 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने वरवर राव को स्वास्थ्य के आधार (Medical Grounds) पर जमानत दे दी थी। इसके बाद राव ने आपरेशन के लिए हैदराबाद जाने की इजाजत मांगते हुए एनआईए की विशेष अदालत में याचिका दाखिल की थी।
मुंबई की महंगाई वरवर पर भारी
इधर, राव की तरफ से पेश वकील नीरज यादव ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने उनके मुवक्किल को इतनी आजादी दी है कि वह निचली अदालत (Trial Court) में संशोधन के लिए याचिका (Modification Application) दाखिल कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल राव मार्च, 2021 से मुंबई में रह रहे हैं और मुंबई में महंगाई इस कदर है कि उनके लिए रहना मुश्किल हो रहा है।
पिछले साल उन्होंने शहर में रहकर अपनी आजीविका के लिए प्रति महीने 68,000 रुपये खर्चे थे, जो अब बढ़कर 70,000 से 80,000 रुपये तक पहंच गया है।
मुंबई में आपरेशन का खर्चा नहीं उठा पाएंगे वरवर: वकील
वरवर राव के वकील ने आगे कहा कि उनके मुवक्किल ने मुंबई में रहते हुए करीब दस लाख रुपये तक खर्च कर दिए हैं। जबकि उन्हें तेलंगाना सरकार (Telangana Government) से पेंशन के रूप में 50,000 रुपया प्रति महीने मिलता है। अब खर्चा चलाने के लिए उन्हें दूसरों से उधार लेना पड़ रहा है।
राव ने अपनी याचिका में कहा है कि मुंबई में रहकर मोतियाबिंद की सर्जरी कराना उनके लिए मुमकिन नहीं है। यहां आपरेशन का खर्चा उठा पाना उनके लिए मुमकिन नहीं है, जबकि तेलंगाना में मुफ्त में उनका इलाज हो जाएगा। इससे भी बढ़कर, वहां उनका परिवार है जो आपरेशन के बाद उनकी बेहतर ढंग से देखभाल कर पाएंगे।
कौन है वरवर राव, क्या है मामला
83 वर्षीय वरवर राव का मामला 31 दिसंबर 2017 से जुड़ा हुआ है, उस दौरान पुणे में एल्गार परिषद के आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिया था जिस कारण कोरेगांव-भीमा में अगले दिन हिंसा भड़की थी। पुलिस का यह भी दावा रहा है कि कार्यक्रम के आयोजकों का माओवादियों से संबंध हैं।