देवेंद्र फडणवीस ने दी महाराष्ट्र पुलिस में 20,000 वैकेंसी की खुशखबरी, कहा- 8,000 पदों के लिए विज्ञापन जारी
महाराष्ट्र पुलिस बल में होगी बंपर भर्ती। उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया ऐलान। सोमवार को पत्रकारों से मुखातिब होते हुए उन्होंने जानकारी दी। इसके साथ ही फडणवीस ने कहा कि पहले चरण के तहत 8000 पदों के लिए विज्ञापन पहले ही जारी कर दिए गए हैं।
मुंबई, एजेंसी। महाराष्ट्र (Maharashtra) के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने सोमवार को कहा कि राज्य पुलिस बल (State Police Force) में 20,000 पुलिस कर्मियों की नियुक्ति की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि प्रथम चरण के तहत 8,000 पदों के लिए विज्ञापन पहले ही जारी कर दिए गए हैं। उप मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को बताया, बाकी के 12,000 पदों के लिए विज्ञापन भी जल्द ही जारी कर दिए जाएंगे।
सरकार कैदियों की रिहाई के लिए प्रयासरत: फडणवीस
मालूम हो कि बदलते वक्त और तकनीकि के साथ राज्य सरकार साइबर सिक्योरिटी (Cyber Security) के लिए बुनियादी ढांचे को अधिक विकसित, उन्नत और मजबूत बनाना चाहती है। इस दौरान फडणवीस ने यह भी कहा कि उनकी सरकार विभिन्न जेलों में बंद उन 1,641 कैदियों को लेकर भी प्रयासरत है जिन्हें जमानत तो मिल गई लेकिन अभी तक रिहा नहीं किया गया है क्योंकि उनके पास बान्ड भरने के पैसे नहीं हैं।
उन्होंने कहा, 'इन कैदियों के पास बान्ड भरने के पैसे नहीं हैं और साथ में कुछ अन्य दिक्कतें भी हैं। हमने इस संदर्भ में कुछ गैर-सरकारी संगठनों (Non-Governmental Organization) को आगे आकर इन कैदियों की मदद करने का आह्वान किया है क्योंकि जेल पहले से ही कैदियों से भरे हुए हैं।'
वेंदाता के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी: फडणवीस
इस दौरान फडणवीस ने वेदांता ग्रुप (Vedanta Group) के सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट (Semiconductor Manufacturing Unit) के अहमदाबाद शिफ्ट होने को लेकर भी बात की जिसे लेकर विपक्षी शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा है।
फडणवीस ने कहा कि परियोजना को महाराष्ट्र में रखने के लिए राज्य सरकार ने खूब कोशिश की, बल्कि कई मामलों में पड़ोसी राज्य गुजरात से कहीं अधिक कोशिश की।
फडवणीस ने खुद वेदांता-फाक्सकान के अधिकारियों से मिलने की भी बात की। उन्होंने सभी जरूरी कदम उठाए जाने का दावा किया। जबकि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) का कहना है कि राज्य सरकार की प्रचेष्ठा के अभाव में महाराष्ट्र को इससे हाथ धोना पड़ा।