Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    महाराष्ट्र के पेंच टाइगर रिजर्व में पक्षियों की 226 प्रजातियां मिली, आंकड़े जुटाने के लिए किया गया सर्वेक्षण

    By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Wed, 18 Jan 2023 10:22 PM (IST)

    तीन दिवसीय इस सर्वेक्षण में 11 राज्यों के 125 से अधिक स्वयंसेवकों ने भाग लिया। यह सर्वेक्षण पारिस्थितिकी अनुसंधान में शामिल एक गैर सरकारी संगठन टिन्सा ...और पढ़ें

    Hero Image
    तीन दिवसीय इस सर्वेक्षण में 125 से अधिक स्वयंसेवकों ने लिया भाग

    नागपुर, पपीटीआई। महाराष्ट्र के पेंच बाघ अभयारण्य (पीटीआर) में हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण के दौरान पक्षियों की कुल 226 प्रजातियां देखी गई हैं। वन विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, अभयारण्य में पक्षियों की प्रजातियों और उनकी संख्या से संबंधित आंकड़े जुटाने के लिए यह सर्वेक्षण किया गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पक्षियों की कुछ प्रमुख प्रजातियों

    पेंच बाघ अभयारण्य के उपनिदेशक डा प्रभुनाथ शुक्ला ने कहा कि अभयारण्य में देखी गईं पक्षियों की कुछ प्रमुख प्रजातियों में मालाबार पाइड हार्नबिल्स, ग्रे-हेडेड फिश ईगल, एमराल्ड डव, इंडियन नाटहेच, लांग बिल्ड गिद्ध, ब्लैक ईगल, ग्रेट थिक-नी, आरेंज हेडेड थ्रश, व्हाइट रम्प्ड गिद्ध और ईजिप्शियन गिद्ध शामिल हैं। उन्होंने कहा कि 13 से 15 जनवरी तक किए गए इस सर्वेक्षण के दौरान एकत्र किए गए आंकड़ों पर एक विस्तृत वैज्ञानिक रिपोर्ट जल्द ही प्रकाशित की जाएगी।

    सात रेंज में फैले पेंच बाघ अभयारण्य

    डा शुक्ला के अनुसार, कोबो एप पर कुल 6,000 व्यक्तिगत प्रविष्टियां एकत्रित की गईं और सात रेंज में फैले पेंच बाघ अभयारण्य (पीटीआर) के 741 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में पक्षियों की कुल 226 प्रजातियों का पता चला। इनमें से चौरबौली रेंज में सबसे अधिक 154 प्रजातियों का पता चला जबकि पूर्वी पेंच में 138 प्रजातियों के बारे में जानकारी मिली।

    11 राज्यों के 125 से अधिक स्वयंसेवकों ने भाग लिया

    तीन दिवसीय इस सर्वेक्षण में 11 राज्यों के 125 से अधिक स्वयंसेवकों ने भाग लिया। यह सर्वेक्षण पारिस्थितिकी अनुसंधान में शामिल एक गैर सरकारी संगठन टिन्सा पारिस्थितिकी फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित किया गया था। पेंच बाघ अभयारण्य मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में स्थित है।

    यह भी पढ़ें- Fact Check: जैन आबादी 0.4% लेकिन कुल टैक्स संग्रह में 24% से अधिक के योगदान का दावा फेक

    यह भी पढ़ें- आम बजट: घरेलू मांग बढ़ाने के साथ निर्यात बढ़ाने के उपाय तलाशना भी जरूरी