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    अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष की हत्या

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    Updated: Wed, 21 Aug 2013 01:48 AM (IST)

    मुंबई, जागरण संवाददाता। जादू-टोना, चमत्कार जैसे अंधविश्वासों के खिलाफ 25 वर्षो से जागरूकता अभियान चला रहे सामाजिक कार्यकर्ता और अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की मंगलवार को पुणे में बाइक सवार दो युवकों ने गोली मार कर हत्या कर दी गई। वारदात के विरोध में महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। पुणे में बुधवार को सर्वदलीय बंद का आह्वान किया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू करने के साथ ही हमलावरों की गाड़ी का नंबर तथा एक हत्यारे का स्केच जारी किया है। वहीं, मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण और गृहमंत्री आरआर पाटिल ने दाभोलकर की मौत को अपूरणीय क्षति बताया है। चह्वाण ने हत्यारों का सुराग देने वाले को 10 लाख रुपए का इनाम घोषित किया है।

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    डॉ. नरेंद्र दाभोलकर सुबह की सैर के बाद घर लौट रहे थे। करीब 7.20 बजे ओंकारेश्वर पुल पर पीछे से आए बाइक सवार युवकों ने उन पर गोलियां दाग दीं। सिर और पीठ पर गोलियां लगने से दाभोलकर की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस को हमलावरों की बाइक का नंबर पता चल गया है। प्रत्यक्षदर्शियों की मदद से एक हत्यारे का स्केच भी तैयार किया गया है। पुलिस घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाल रही है।

    डॉ. नरेंद्र दाभोलकर ने 80 के दशक में अंधविश्वास, कर्मकांड के खिलाफ नासिक जिले से जागरूकता अभियान शुरू किया था। 1989 में महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति (एमएएनएस) का गठन किया जो वैज्ञानिक तरीके से जादू-टोना और अंधविश्वासों को गलत सिद्ध करता है। संगठन की 200 शाखाओं के पांच हजार कार्यकर्ता गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाते हैं। दाभोलकर के प्रयासों से ही महाराष्ट्र में जादू-टोना विरोधी विधेयक भी पेश किया गया, लेकिन कुछ सदस्यों के विरोध के कारण पिछले कई सत्रों में यह पारित नहीं हो सका।

    वैचारिक विरोधी भी सकते में

    डॉ.नरेंद्र दाभोलकर की हत्या से उनके वैचारिक विरोधी भी सकते में हैं। सनातन संस्था एवं हिंदू जनजागृति समिति ने घटना को दुखद बताया है। साथ ही निजी रंजिश के बिंदु पर भी छानबीन किए जाने की मांग की है।

    हिंदू जनजागृति के समन्वयक सुनील घनवट ने हत्याकांड की निंदा करते हुए कहा, हालांकि कई मुद्दों पर हमारा दाभोलकर से वैचारिक मतभेद था, लेकिन अंधविश्वासों के खिलाफ हम उनके अभियान के प्रशंसक है। सनातक संस्था के प्रवक्ता अभय वर्तक ने कहा,संगठन को डॉ.दाभोलकर की मौत से गहरा दुख पहुंचा है। उतना ही धक्का इस बात से भी लगा है कि कुछ लोग सनातन संस्था को इसके लिए दोषी मान रहे हैं।

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