Mahashivratri 2024: भक्तों को लगातार 44 घंटे होंगे भगवान महाकाल के दर्शन, रात ढाई बजे खुले मंदिर के पट
Mahashivratri 2024 रात मंदिर के पट खुलने के बाद लगातार 44 घंटे भक्तों को भगवान महाकाल के दर्शन होंगे। गर्भगृह में भगवान महाकाल के अभिषेक पूजन का दौर चलता रहेगा। आज रात 11 बजे से महानिशाकाल में महाकाल की महापूजा होगी। शनिवार तड़के 4 बजे भगवान के शीश सवा मन फल व फूलों से बना पुष्प मुकुट सजाया जाएगा। इसके बाद सुबह 10.30 बजे तक पुष्प मुकुट के दर्शन होंगे।
जेएनएन, उज्जैन। Mahashivratri 2024 ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में आज महाशिवरात्रि मनाई जा रही है। देशभर से भक्त महाकाल दर्शन करने उज्जैन पहुंचेंगे। देश के सभी 12 ज्योतिर्लिंगों में महाकालेश्वर एक मात्र ज्योतिर्लिंग है, जहां शिवनवरात्र उत्सव मनाया जाता है। शिवनवरात्र के आठवें दिन गुरुवार को भगवान महाकाल का शिवतांडव रूप में श्रृंगार किया गया।
रात 11 बजे से महानिशाकाल में महाकाल की महापूजा होगी
रात 2.30 बजे मंदिर के पट खुलने के बाद लगातार 44 घंटे भक्तों को भगवान महाकाल के दर्शन होंगे। गर्भगृह में भगवान महाकाल के अभिषेक पूजन का दौर चलता रहेगा। आज रात 11 बजे से महानिशाकाल में महाकाल की महापूजा होगी।
शनिवार तड़के 4 बजे भगवान के शीश सवा मन फल व फूलों से बना पुष्प मुकुट सजाया जाएगा। इसके बाद सुबह 10.30 बजे तक पुष्प मुकुट के दर्शन होंगे। शनिवार दोपहर 12 बजे साल में एक बार दिन में होने वाली भस्म आरती होगी।
#WATCH | Madhya Pradesh: 'Bhasma Aarti' performed at Shree Mahakaleshwar Temple in Ujjain, on the occasion of #Mahashivratri pic.twitter.com/vUrsua7zJs— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) March 7, 2024
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में 24 घंटे खुले रहेंगे पट
महापर्व महाशिवरात्रि पर ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर मंदिर में देशभर से भक्त दर्शनार्थ पहुंचेंगे। शुक्रवार तड़के चार बजे से मंदिर के पट खोल दिए जाएंगे, जो 24 घंटे खुले रहेंगे। इस दौरान यहां दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। मंदिर परिसर और गर्भगृह की सुगंधित फूलों से आकर्षक सजावट की गई है।
भगवान ओंकारेश्वर को 251 किलो पेड़ों का भोग लगेगा
मंदिर ट्रस्ट की ओर से भगवान ओंकारेश्वर को 251 किलो पेड़ों का भोग लगाया जाएगा। इसे प्रसाद के रूप में भक्तों को बांटा जाएगा। भीड़ की वजह से श्रद्धालुओं को मंदिर के गर्भगृह में भगवान के मूल स्वरूप पर सीधे जल नहीं चढ़ाया जा सकेगा। शनिवार को भी दिनभर दर्शन का सिलसिला जारी रहेगा।