MP के 17 शहरों में नहीं बिकेगी शराब, 1 अप्रैल से लागू होगा सीएम मोहन यादव का फैसला; जानिए वजह
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की 19 धार्मिक नगरों और ग्राम पंचायतों में शराबबंदी की घोषणा 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। यह निर्णय 24 जनवरी को महेश्वर में हुई कैबिनेट बैठक में मंजूर हुआ था। उज्जैन ओंकारेश्वर महेश्वर ओरछा मैहर जैसे पवित्र स्थानों सहित 19 क्षेत्रों में शराब की दुकानें और बार बंद होंगे। मुख्यमंत्री ने इसे नशामुक्ति की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया।

जेएनएन, उज्जैन। मध्य प्रदेश के 17 धार्मिक शहरों में एक अप्रैल से शराब का विक्रय नहीं किया जाएगा। इन शहरों के नगर निकाय क्षेत्र में संचालित सभी शराब दुकानें बंद हो जाएंगी। चूंकि, इन धार्मिक शहरों में उज्जैन भी सम्मिलित है और वहां काल भैरव मंदिर में मदिरा का भोग लगाने की प्रचीन पूजन-परंपरा है, इसलिए भक्तों को बाहर से शराब लानी पड़ेगी।
हालांकि, उज्जैन के कलेक्टर ने भगवान काल भैरव को मदिरा भोग की पूजन-परंपरा के महत्व के तर्क पर मंदिर के सामने की दुकान संचालित होने देने का अनुरोध शासन से किया है।
19 स्थानों पर बिक्री से रोक
बता दें कि राज्य सरकार ने जिन 17 धार्मिक शहरों के 19 स्थानों पर शराब बिक्री पर रोक लगाई है, उनमें उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, मंदसौर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, अमरकंटक, सलकनपुर, पन्ना, मंडला, मुलताई, बरमान कला, ¨लगा व कुंडलपुर हैं। इन शहरों में शराब पीने पर प्रतिबंध नहीं लगाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी का यह फैसला नशामुक्ति की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। धार्मिक महत्व के इन 19 क्षेत्रों में शराबबंदी से श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान होगा और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। 1 अप्रैल से यह नियम प्रभावी हो जाएगा।
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