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एक कुख्यात अपराधी ने मां के लिए निकाल डाली पैर की चमड़ी, रामायण से प्रेरित होकर किया यह कारनामा

Ujjain News बदमाश हो या अपराधी हो मां के लिए सभी का प्रेम अटूट होता है इसी का परिचय उज्जैन के रहने वाले हिस्ट्रीशीटर बदमाश रह चुके रौनक गुर्जर ने दी है। जिन्होंने अपनी पैर की चमड़ी निकलवाकर अपनी मां के लिए एक चप्पल बनवाई और अपनी मां को अपने हाथों से पहनाई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है।

By Jagran News Edited By: Babli Kumari Published: Thu, 21 Mar 2024 05:16 PM (IST)Updated: Thu, 21 Mar 2024 05:16 PM (IST)
हिस्ट्रीशीटर रौनक ने अपने पैर की छाल से बनवाई अपनी मां के लिए चप्पल (फोटो- नई दुनिया)

डिजिटल डेस्क, उज्जैन। कौन मान सकता है कि एक कुख्यात अपराधी का भी ह्रदय परिवर्तन हो सकता है। एक हिस्ट्रीशीटर बदमाश रह चुका व्यक्ति राम और रामायण से इतना प्रभावित हो सकता है कि वह अपनी मां के लिए खुद के शरीर को चोट पहुंचा कर उनके लिए उपहार बना सकता है।

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बदमाश हो या अपराधी हो मां के लिए सभी का प्रेम अटूट होता है इसी का परिचय उज्जैन के रहने वाले हिस्ट्रीशीटर बदमाश रह चुके रौनक गुर्जर ने दी है। जिन्होंने अपनी पैर की चमड़ी निकलवाकर अपनी मां के लिए एक चप्पल बनवाई और अपनी मां को अपने हाथों से पहनाई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है।

हिस्ट्रीशीटर ने मां को दिया अपने पैर की चमड़ी से बना यह उपहार

जो भी इस वीडियो को देख रहा है उसको यह आश्चर्य हो रहा है कि एक बदमाश ऐसा कैसे कर सकता है। ढांचा भवन निवासी रौनक गुर्जर एक हिस्ट्रीशीटर हैं। रौनक ने चप्पल बनवाने के लिए निजी अस्पताल में पैर का ऑपरेशन करवाया था। रौनक ने बताया कि उसने रामायण में पढ़ा है कि मां के लिए अपनी चमड़ी से भी खड़ाऊ बनवाओ तो भी कम है। इसलिए उसने मां को बिना बताए संकल्प किया था।

कथा के मंच पर ही रौनक ने अपनी मां को दिया यह उपहार

रौनक ढांचा भवन में ही भागवत कथा करवा रहा है। कथा के मंच पर ही उसने अपनी मां को यह चप्पल पहनाई है। रौनक ने मां निरूला गुर्जर को चप्पल पहनाई तो वह फूट-फूटकर रोने लगी। मां निरूला ने कहा कि वह भाग्यशाली है, जो रौनक जैसा बेटा मिला, ऐसा बेटा सबको मिले।

रौनक के पैर पर गोलियां मार चुकी हैं पुलिस

आपको बता दें कि रौनक के खिलाफ 30 से ज्यादा केस दर्ज हैं। पुलिस ने रौनक का 29 जून 2019 को एनकांउटर किया था। इसमें पुलिस की गोलियां लगने से रौनक घायल हो गया था। रौनक ने शहर के व्यापारी से पांच लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। रुपये नहीं देने पर उसने गोलियां चला दी थीं। जेल से छूटने के बाद उसने अपराध करना छोड़ दिया है। वर्तमान में वह भागवत कथा भी करवा रहा है।

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