महाकुंभ के श्रद्धालु ट्रैफिक में फंसे... 48 घंटे बाद भी बॉर्डर पर 28 किलोमीटर लंबा जाम, फेल हुए प्रशासन के इंतजाम
मध्य प्रदेश और प्रयागराज की सीमा पर भयंकर जाम लगा हुआ है। स्थिति ऐसी है कि 48 घंटे बाद भी 28 किलोमीटर लंबे जाम में लोग फंसे हुए हैं। नेशनल हाईवे 27 पर छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र तेलंगाना आंध्र प्रदेश तमिलनाडु केरल और मध्य प्रदेश के श्रद्धालुओं के वाहनों की कतारें लगी हुई हैं। लेकिन रीवा प्रशासन के इंतजाम फेल हो गए हैं। लोगों को काफी परेशानी हो रही है।

जेएनएन, रीवा। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। वीकेंड के कारण स्थिति ऐसी हो गई है, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर भयंकर जाम लगा है। करीब 48 घंटे बीतने वाले हैं, लेकिन चाकघाट सीमा पर वाहनों का दबाव कम नहीं हो रहा है।
जाम में फंसे लोगों का कहना है कि वह 8 घंटे में महज 20 किलोमीटर की दूरी ही तय कर पाए हैं। रविवार को जो लोग प्रयागराज की सीमा में प्रवेश कर पाएंगे, उन्हें मेला क्षेत्र तक पहुंचने के लिए भी 25 किलोमीटर का सफर तय करना है।
28 किलोमीटर लंबा जाम
सीमा पर स्थिति ऐसी है कि 48 घंटे बाद भी 28 किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ है। लोग परेशान हैं, लेकिन किसी के पास समस्या का हल नहीं है। सतना, कटनी और जबलपुर की ओर से आने वाले वाहनों की संख्या रविवार की सुबह से ही काफी बढ़ गई है।
नेशनल हाईवे 27 पर वाहनों का दबाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। हम धीरे-धीरे वाहनों को आगे यूपी के प्रयागराज प्रशासन के निर्देश पर भेज रहे हैं, लेकिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचने के कारण जाम की स्थिति यथावत बनी हुई है।
- विवेक कुमार लाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, देहात, रीवा
रीवा जिला प्रशासन भले ही व्यवस्था के हजार दावे कर ले, लेकिन सच्चाई ये है कि सब कुछ निराधार साबित हो रहा है। नेशनल हाईवे 27 पर छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल और मध्य प्रदेश के श्रद्धालुओं के वाहनों की कतारें लगी हुई हैं।
ग्रामीण कर रहे मदद
- वाहनों की लंबी कतारें देखकर अब ग्रामीणों ने मोर्चा संभाला है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जगह-जगह भोजन की व्यवस्था कराई जा रही है। रात में रुकने के लिए भी उन्हे जगह दी जा रही है। कई जगह पर ग्रामीणों ने अलाव की व्यवस्था भी की हुई है।
(फोटो: जेएनएन)
- शायद रीवा जिला प्रशासन को उम्मीद थी कि अमृत स्नान के बाद सब कुछ सामान्य हो जाएगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अमृत स्नान के बाद श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ गई और सिर्फ रीवा जिला प्रशासन ही नहीं, मेला प्रबंधन के लिए भी चुनौती खड़ी हो गई है।
- भीड़ को कम करने के लिए और जाम की समस्या न आए, इसके लिए वाहनों को बेला से वाया चित्रकूट के लिए भेजा गया, लेकिन इसका भी कोई सार्थक नतीजा नहीं निकला। फिलहाल स्थिति ये है कि रीवा के सभी होटल और विवाह घर फुल हो गए हैं।
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