हाये सीनियरों का सितम... लड़कियों के नंबर लाओ, गालियों का पहाड़ा सुनाओ; बाहर से आए लौंडे तो दौड़ा-दौड़ा कर हुई कुटाई
MP Latest News मामला कोतवाली थाना तक भी पहुंचा। कार्यकर्ता की शिकायत पर कोतवाली पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है। वहीं मामले में कॉलजे के डीन डॉ. दीपक हरि रानड़े ने कहा कि रैगिंग का कोई मामला नहीं है कुछ बाहरी लोग कॉलजे में आए थे जिनसे छात्रों का विवाद हुआ था। पुलिस को सूचना मिलने पर उन्होंने मामला शांत करवाया।
जेएनएन, खंडवा। भगवंत राव मंडलोई कृषि महाविद्यालय में मंगलवार सुबह जूनियर और सीनियर छात्रों में विवाद हो गया। जूनियरों ने इसकी शिकायत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की। एबीवीपी के कार्यकर्ता कॉलजे में सीनियरों को समझ़ाने पहुंचे तो सीनियरों ने उसे दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। इसका एक कुछ छात्रों ने वीडियो ने भी बनाया। जिसमें कॉलजे के सीनियर छात्र एबीवीपी के एक कार्यकर्ता को लठ्ठ से दौड़ा-दौड़ा कर पीटते हुए नजर आ रहे हैं।
ये है पूरा मामला
दरअसल कॉलजे के बीएससी प्रथम सत्र के छात्रों का आरोप है कि सीनियरों ने हमें जबरदस्ती होस्टल रहने के लिए मजबूर किया। हमसे होस्टल का फॉर्म भरवाकर छह हजार रुपये दिलवाए। यहां प्रवेश लेने पर हमें परेशान करना शुरू कर दिया। जूनियर छात्रों ने बताया कि हमें सीनियर मानसिक व शारिरिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। हमें गर्दन नीची कर चार-चार घंटे खड़े रहने को कहा जाता है।
सीनियर कहते हैं कि लड़कियों के नंबर लाओ
जूनियर छात्रों ने बीएससी के तीसरे व चतुर्थ सेमेस्टर के सीनियर छात्रों पर आरोप लगाते हुए कहा कि सीनियरों ने हमारा कॉलजे में रहना दुभर कर दिया है। होस्टल में हमें एक माह से परेशान किया जा रहा है। हमें लाइन से खड़ा कर कहा जाता है कि लड़कियों के नंबर हमें लाकर दो। ऐसा नहीं करने पर पीटने की धमकी देते हैं।
होस्टल छोड़ा तो घर तक पहुंचे
जूनियर छात्रों ने बताया कि हम तीन लोगों ने परेशान होकर होस्टल छोड़ा तो सीनियर हमारे घर तक पहुंच गए और हमें धमकाते हैं। हमने होस्टल छोड़ दिया इसलिए हमें कॉलजे में ठीक से पढ़ने भी नहीं दिया जा रहा है। हमपर हर काम के लिए दबाव बनाया जाता है। होस्टल छोड़ने पर हमें कॉलजे की किसी प्रतियोगिता में भाग लेने से भी वंचित कर दिया गया है।
मंगलवार को ऐसे शुरू हुआ विवाद
जूनियर छात्रों के अनुसार मंगलवार सुबह सीनियरों से पहले कॉलजे पहुंच गए थे। इससे सीनियर भड़क गए और हमसे बद्मीजी करने लगे। हमसे गाली-गलौज की।इसके बाद हमने एबीवीपी को इस बात की सूचना दी। यहां कार्यकर्ता आए तो उन्हें सीनियरों ने कहा कि तुम कॉलजे के अंदर कैसे घुस आए और उनसे मारपीट शुरू कर दी। लठ्ठ से दौड़ा-दौड़ा कर कॉलजे के बाहर पेट्रोल पंप तक पीटते हुए ले गए। पंप वालों ने उन्हें अंदर छुपाया। पुलिस आने के बाद लोग शांत हुए।
सीनियरों के डर से नहीं की शिकायत
छात्रों ने बताया कि लंबे समय से हम सीनियरों से परेशान है। इनके डर से हम शिकायत भी नहीं कर पाए। रैगिंग के समय सीनियर हमारे मोबाइल भी बंद कर देते थे। कहते थे कि किसी ने भी मोबाइल चलाने का प्रयास किया तो उसके लिए अच्छा नहीं होगा। मोबाइल बंद करवाने के बाद वो हमसे गालियों का पहाड़ा सुनते हैं। गलत लगने पर एक सीनियर आठ-10 थप्पड़ मारते हैं।
फोन पर मिली सूचना
किसी ने मुझे फोन पर सूचना दी कि बाहर कोई विवाद चल रहा है। तब मुझे मामले की जानकारी लगी। लड़कों का कहना था कि कोई सज्जन बाहर से आकर चौकीदार से विवाद कर रहा था। चौकीदार ने हमें बुलाया तो हमारी आपस में बहस हुई है। इसके तुरंत बाद ही पुलिस भी आ गई थी। रैगिंग की जो बात बच्चे बता रहे हैं ऐसा कोई मामला कॉलजे में नहीं है। हमारी एंटी रैगिंग कमेटी आए दिन इस संबंध में जानकारी लेते है और इस प्रकार की कोई शिकायत हमें नहीं मिली है।
डॉ. दीपक हरि रानड़े, डीन, कृषि महाविद्यालय, खंडवा
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