रीवा में रिश्वतखोर पटवारी गिरफ्तार, नामांतरण के ऐवज में मांगे थे 10 हजार रुपये, दूसरी किस्त लेते समय लोकायुक्त ने दबोचा
रीवा में लोकायुक्त पुलिस ने मनगवां के पटवारी अक्षय लाल को 5,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया। पटवारी ने नामांतरण के बदले 10,000 रुपये की ...और पढ़ें

आरोपी पटवारी अक्षय लाल।
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। प्रदेश के रीवा जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने एक बार फिर कड़ा प्रहार किया है। मनगवां क्षेत्र के हल्का देवरा फरेदा में पदस्थ पटवारी अक्षय लाल को लोकायुक्त की टीम ने 5,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई से पूरे राजस्व विभाग में हड़कंप मच गया है।
नामांतरण के बदले मांगी थी रिश्वत
प्राप्त जानकारी के अनुसार, फरियादी विपिन सोंधिया ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने हाल ही में कृषि भूमि खरीदी थी, जिसका नामांतरण सरकारी रिकॉर्ड में कराया जाना था। आरोप है कि पटवारी अक्षय लाल ने इस प्रक्रिया के बदले 10,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी।
जाल बिछाकर पकड़ा गया आरोपी
शिकायत के सत्यापन में रिश्वत की मांग सही पाई गई। योजना के तहत पटवारी ने एक दिन पहले ही पहली किस्त के रूप में 5,000 रुपये ले लिए थे। इसके बाद लोकायुक्त टीम ने जाल बिछाया। जैसे ही आरोपी पटवारी मनगवां स्थित आयुष केंद्र में बैठकर दूसरी किस्त के 5,000 रुपये ले रहा था, टीम ने मौके पर ही उसे धर दबोचा। रिश्वत की राशि भी तत्काल बरामद कर ली गई।
यह भी पढ़ें- छिंदवाड़ा में 200 फीट गहरी खाई में गिरा ट्रक, 30 घंटे तक दबा रहा चालक, GPS की वजह से बची जिंदगी
आयुष केंद्र से चला रहा था सरकारी काम
लोकायुक्त अधिकारियों के अनुसार, आरोपी पटवारी आयुष केंद्र में बैठकर सरकारी कामकाज निपटा रहा था और वहीं फरियादी को पैसे देने के लिए बुलाया गया था। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया।
भ्रष्टाचारियों में दहशत
लोकायुक्त पुलिस की लगातार कार्रवाइयों से भ्रष्ट अधिकारियों में डर का माहौल है। उल्लेखनीय है कि दो दिनों के भीतर यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। इससे एक दिन पहले ही एक राजस्व निरीक्षक को भी रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।