लाल आतंक ढहने की कगार पर : 45 लाख के इनामी रामधेर समेत 12 माओवादी सरेंडर, MP–CG बॉर्डर पर बड़ी सफलता
मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ सीमा पर माओवादी विरोधी अभियान में 45 लाख के इनामी रामधेर मज्जी समेत 12 माओवादियों ने सरेंडर किया। इससे पहले केबी डिवीजन के 10 माओ ...और पढ़ें

माओवादी ने किया समर्पण (प्रतीकात्मक चित्र)
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। मध्यप्रदेश–छत्तीसगढ़ सीमा पर चल रहे माओवाद विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है। एक ही सप्ताह में सरेंडर का सिलसिला तेज होते हुए सोमवार को 45 लाख के इनामी हार्डकोर माओवादी रामधेर मज्जी समेत 12 वर्दीधारी माओवादियों ने छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले के बकरकट्टा थाना क्षेत्र के कुम्ही गांव में आत्मसमर्पण कर दिया। यह घटनाक्रम सुरक्षा एजेंसियों के लिए निर्णायक प्रहार माना जा रहा है।
इससे पहले रविवार को केबी डिविजन के 10 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया था। वहीं सोमवार को खबर आई कि बालाघाट का मोस्ट वांटेड माओवादी दीपक उर्फ सुधाकर ने भी तीन साथियों के साथ लांजी क्षेत्र की देवरबेली चौकी में हथियार डाल दिए। हालांकि पुलिस अधीक्षक आदित्य मिश्रा ने आधिकारिक रूप से इस जानकारी से इंकार किया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि दीपक और उसके साथी सुरक्षा घेरे में जिला मुख्यालय लाए जा रहे हैं और औपचारिक प्रक्रिया आईजी बंगले में पूरी की जाएगी।
दीपक, जिसे मंगल सिंह और मेहत्तर उइके नामों से भी जाना जाता है, पालागोंदी (थाना रूपझर) का निवासी है और लंबे समय से माओवादी नेटवर्क में सक्रिय रहा है। वह कई बड़ी वारदातों में शामिल रहा है और वर्तमान में बालाघाट क्षेत्र में सक्रिय बचे गिने–चुने नक्सलियों में माना जाता है।
12 हार्डकोर माओवादी सरेंडर: 45 लाख के इनामी रामधेर भी शामिल
छत्तीसगढ़ में सरेंडर करने वालों में—
- रामधेर मज्जी: 45 लाख का इनामी, सीसीएम (केंद्रीय समिति सदस्य) और एमएमसी जोन प्रभारी।
- चंदू, ललिता समेत कुल 12 वर्दीधारी माओवादी।
- बालाघाट के राशीमेटा निवासी 65 वर्षीय संपत, जो लंबे समय से आत्मसमर्पण करना चाहता था।
रामधेर हाल ही में एमएमसी जोन की कमान संभाल चुका था। यह वही क्षेत्र है जहां कुछ दिन पहले माओवादी प्रवक्ता अनंत उर्फ विकास अपने साथियों के साथ हथियार छोड़ चुका है।
11 दिनों में 33 सरेंडर: बालाघाट में ‘लाल आतंक’ का अंत नजदीक
बालाघाट और आसपास के क्षेत्रों में 11 दिनों में कुल 33 माओवादी सरेंडर कर चुके हैं—
- 28 नवंबर: संगीता, अनंत उर्फ विकास सहित 11 माओवादी (गोंदिया, महाराष्ट्र)
- 7 दिसंबर: कबीर, विकास सहित केबी डिविजन के 10 माओवादी
- 8 दिसंबर: रामधेर, चंदू सहित 12 माओवादी (खैरागढ़, छत्तीसगढ़)
लगातार हो रहे आत्मसमर्पण से सुरक्षा एजेंसियों को विश्वास है कि बालाघाट में माओवादी नेटवर्क अब लगभग समाप्ति की ओर है। सूत्रों का दावा है कि जंगल में अब सिर्फ दीपक ही सक्रिय बचा है—और उसके सामने सरेंडर या मुठभेड़, यही दो विकल्प बचे हैं।
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मिशन 2026 समय से पहले पूरा होने के संकेत
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में जनवरी तक “माओवाद मुक्त बालाघाट” का लक्ष्य घोषित किया था। लगातार हो रहे सरेंडरों ने इस मिशन की रफ्तार इतनी तेज कर दी है कि माना जा रहा है, औपचारिक घोषणा अब केवल समय की बात है।

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