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    MP में बिजली के बढ़े दामों से जनता परेशान, आज जबलपुर में होगा विरोध प्रदर्शन; ई-रिक्शा चार्ज करना भी महंगा

    Updated: Tue, 01 Apr 2025 06:35 AM (IST)

    मध्य प्रदेश में बिजली के दाम में औसत बढ़ोतरी 3.46 पैसे हुई है। ई रिक्शा में सबसे ज्यादा चार्जिंग की दर बढ़ाई है। 24 पैसे मौजूदा दर से महंगी बिजली की गई है। इसके अलावा उच्च दाब उपभोक्ता श्रेणी में भी 26 पैसे तक बिजली के दाम बढ़े हैं। इसके विरोध में जबलपुर में घंटाघर के पास दोपहर 3.30 बजे विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

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    सबसे ज्यादा बोझ मध्यमवर्गीय परिवारों पर पड़ने वाला है (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जेएनएन, जबलपुर। विद्युत नियामक आयोग द्वारा नए वित्तीय वर्ष के लिए घरेलू उपभोक्ताओं पर करीब चार फीसदी रेट बढ़ाने के विरोध में नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच द्वारा मंगलवार को घंटाघर के पास दोपहर 3.30 बजे विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। मंच के डा पीजी नाजपांडे का कहना है कि जबलपुर शहर संभाग में करीब 3 लाख 22 हजार उपभोक्ता हैं। इनसे हर माह दो करोड़ रुपये औसत रूप से बिजली बिल कंपनी द्वारा वसूला जाता है।

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    उन्होंने कहा कि यदि जबलपुर के घरेलू उपभोक्ता 200 यूनिट प्रतिमाह खपत करते हैं तो अतिरिक्त 50 रुपये के हिसाब से एक करोड़ 63 लाख 22 हजार, 300 यूनिट खपत पर अतिरिक्त 74 रुपये के हिसाब से 2 करोड़ 40 लाख प्रतिमाह वसूला जाएगा। बैठक में रजत भार्गव, टीके रायघटक, डीके सिंह, सुशीला कनौजिया आदि उपस्थित थे।

    बिजली की मार से सभी परेशान

    प्रदेश में बिजली के दाम में औसत बढ़ोतरी 3.46 पैसे हुई है। इसमें कोई भी क्षेत्र नहीं बचा है जो बिजली बढ़ोतरी से वंचित हो। गरीब उपभोक्ता को भी बिजली की दर बढ़ाई गई है लेकिन सब्सिडी की वजह से बिजली दर बढ़ने का असर उन पर नहीं होगा।

    मध्यमवर्गीय से लेकर ई रिक्शा चालक तक इस बढ़ोतरी से सीधा प्रभावित होगा। ई रिक्शा में सबसे ज्यादा चार्जिंग की दर बढ़ाई है। 24 पैसे मौजूदा दर से महंगी बिजली की गई है। इसके अलावा उच्च दाब उपभोक्ता श्रेणी में भी 26 पैसे तक बिजली के दाम बढ़े हैं। ऐसे अलग-अलग श्रेणी के उपभोक्ता पर कितना असर होगा इसका विस्तार से जानकारी दी जाएगी।

    मिडिल क्लास पर सबसे ज्यादा बोझ

    • बता दें कि उपभोक्ता बिजली कंपनी ने हर क्षेत्र के उपभोक्ताओं पर वित्तीय भार दिया है। इसके अलावा 10 किलोवाट से अधिक खपत वाले उपभोक्ताओं को टाइम ऑफ डे का टैरिफ दिया गया है। बिजली कंपनी सबसे ज्यादा बोझ मध्यमवर्गीय परिवारों को डाला है, ये 150 यूनिट की सब्सिडी से बाहर आते है जिन्हें पूरा बिल भरना होता है।
    • बिजली मामलों के जानकार सेवानिवृत्त अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए जारी बिजली टैरिफ में गरीब से लेकर उच्च वर्ग के सभी उपभोक्ताओं को बिल बढ़ोतरी ने प्रभावित किया है। ई-रिक्शा चार्जिंग कर पेट पालने वालों को भी महंगी बिजली मिलेगी।

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