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    जबलपुर के एकलव्य स्कूल में बवाल, सैकड़ों छात्र-छात्राएं सड़क पर उतरे, महिला प्राचार्य पर लगाए गंभीर आरोप

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 07:56 PM (IST)

    जबलपुर के रामपुर स्थित एकलव्य आदिवासी आवासीय विद्यालय के लगभग 450 छात्र-छात्राएं अपनी प्राचार्य अविनाश रानी के खिलाफ सड़क पर उतर आए। छात्रों ने प्राचा ...और पढ़ें

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    कलेक्टर से मिलने पैदल निकले छात्र-छात्राएं।

    डिजिटल डेस्क, जबलपुर। जबलपुर जिले के रामपुर स्थित एकलव्य आदिवासी आवासीय विद्यालय में सोमवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब करीब 450 छात्र-छात्राएं छात्रावास से बाहर निकलकर सड़क पर उतर आए और कलेक्टर कार्यालय की ओर पैदल मार्च करने लगे। छात्र अपनी ही स्कूल प्राचार्य के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन्हें पद से हटाने की मांग कर रहे थे। प्रदर्शन के दौरान “रानी मैडम हाय-हाय” के नारे गूंजते रहे।

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    छात्रों ने बताया कि अविनाश रानी विद्यालय की प्राचार्य और छात्रावास अधीक्षिका हैं, जिनके व्यवहार से वे लंबे समय से परेशान हैं। इसी वजह से वे अपनी शिकायत लेकर कलेक्टर से मिलने जा रहे थे।

    अभद्रता, मारपीट और जातिसूचक शब्दों के आरोप

    छात्र-छात्राओं का आरोप है कि प्राचार्य का व्यवहार अत्यंत अपमानजनक है। विद्यार्थियों के अनुसार, उन्हें छोटी-छोटी बातों पर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है और कई बार मारपीट भी की जाती है। आरोप यह भी है कि छात्रों को जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया जाता है और उनके परिजनों से भी बदसलूकी की जाती है।

    बाथरूम, नालियां कराते हैं साफ

    छात्राओं ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि विद्यालय में प्यून और सफाईकर्मी होने के बावजूद छात्रों से बाथरूम, नालियां और छात्रावास की सफाई कराई जाती है। यह कार्य जबरन कराया जाता है और विरोध करने पर सजा दी जाती है। छात्रों ने साफ कहा कि जब तक प्राचार्य को हटाया नहीं जाता, उनका आंदोलन जारी रहेगा।

    दो प्राचार्य, एक स्कूल— बढ़ी अव्यवस्था

    विद्यालय में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा नियुक्त दो-दो प्राचार्य पदस्थ हैं। केंद्र सरकार की ओर से अविनाश रानी और राज्य सरकार की ओर से गीता साहू कार्यरत हैं। छात्रों का कहना है कि दोनों अलग-अलग निर्देश देती हैं, जिससे न सिर्फ छात्र बल्कि शिक्षक भी असमंजस में हैं। इस दोहरे प्रशासन से स्कूल का पूरा माहौल बिगड़ गया है।

    छात्रावास का ताला तोड़कर निकले बाहर

    लगातार शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई न होने से नाराज छात्रों ने छात्रावास का ताला तोड़ दिया और करीब तीन किलोमीटर पैदल चलकर कलेक्टर कार्यालय की ओर बढ़ने लगे। रास्ते में जिला पंचायत सीईओ अभिषेक गहलोत ने उन्हें रोककर बातचीत की।

    जांच का आश्वासन मिलने पर शांत हुए छात्र

    जिला पंचायत सीईओ ने छात्रों से चर्चा के बाद कहा कि अधिकांश शिकायतें प्राचार्य के व्यवहार से जुड़ी हैं और मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जनजातीय कार्य विभाग को नोटिस जारी कर पूछा जाएगा कि शिकायतों के बावजूद अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई। निष्पक्ष जांच और उचित कार्रवाई का भरोसा मिलने के बाद छात्र-छात्राएं शांत हुए।