पढ़ाई और नौकरी का दबाव: 24 घंटे में 4 युवाओं ने की आत्महत्या, ऐसे पहचानें वॉर्निंग के संकेत
इंदौर में युवाओं में तनाव और आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं। 24 घंटे में चार युवाओं ने आत्महत्या की है। टेलीमानस हेल्पलाइन पर हर महीने तीन हजार से अधिक लोग काउंसलिंग ले रहे हैं। युवाओं में उदासी नींद की समस्या परीक्षा का तनाव और अकेलापन मुख्य कारण हैं। विशेषज्ञ युवाओं को खुलकर बात करने और नशे से दूर रहने की सलाह देते हैं।

विनय यादव, इंदौर। प्रतिस्पर्धा की दौड़ में आजकल युवाओं में तनाव, अवसाद, नींद की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसके कारण आत्महत्या के मामले भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इंदौर में 24 घंटे में चार युवाओं ने पढ़ाई, नौकरी को लेकर आत्महत्या कर ली, जो कि चिंताजनक है। केंद्र सरकार द्वारा मनोरोग को रोकने के लिए संचालित टेलीमानस हेल्पलाइन पर हर माह प्रदेशभर से तीन हजार से अधिक लोग फोन लगाकर काउंसलिंग ले रहे हैं।
आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर 2022 से अबतक 1.19 लाख से अधिक लोग टेलीमानस पर फोन लगा चुके हैं। इनमें से 62127 लोगों ने इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज और 57216 लोगों ने ग्वालियर स्थित टेलीमानस सेल में फोन किया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, सबसे अधिक फोन युवाओं के उदासी होना, नींद नहीं आना, अवसाद, परीक्षा का तनाव, थकान, चिड़चिड़ापन, अकेलापन और आत्महत्या के विचार को लेकर फोन आते हैं।
अधिकांश युवा 16 से 30 वर्ष के बीच हैं, जो करियर, परीक्षा, पारिवारिक अपेक्षाओं और असफल प्रेम संबंधों के कारण मानसिक दबाव में हैं। हम उनकी काउंसलिंग करते हैं। उन्हें बताते हैं कि कैसे इनसे बाहर निकलकर खुशहाल जीवन जी सकते हैं।
खुलकर नहीं करते चर्चा
विशेषज्ञों के मुताबिक आजकल हम देखते हैं कि यदि किसी व्यक्ति को परेशानी भी होती है तो वह खुलकर चर्चा नहीं करता है। बाहर रहने वाले युवाओं को खासतौर पर यह लगता है कि यदि समस्या बताई तो परिवार के लोग क्या सोचेंगे, समाज क्या बोलेगा। इस कारण वह अपने दोस्तों तक से खुलकर चर्चा नहीं कर पाते हैं। वह अकेला रहना पसंद करने लगते हैं।
यह वॉर्निंग के संकेत होते हैं, जिन्हें पहचानना चाहिए। टेलीमानस पर सुबह से लेकर देर रात तक लोगों के फोन आते हैं। सबसे अधिक युवा नींद की समस्या, परीक्षा का तनाव, अवसाद आदि से पीड़ित है। मोबाइल के अधिक उपयोग के कारण भी समस्या बढ़ रही है।
- डॉ. कृष्णा मिश्रा, प्रभारी, टेलीमानस सेल
किसी भी व्यक्ति के अंदर एक दिन में आत्मघाती विचार नहीं आते हैं। यदि कोई व्यक्ति लंबे समय से उदास रह रहा है, उसके व्यवहार में परिवर्तन नजर आ रहा है तो परिवार के सदस्यों और दोस्तों को समझना चाहिए। उससे खुलकर बात करना चाहिए। उसे अकेला नहीं छोड़ना चाहिए।
54 प्रतिशत पुरुष और 45 प्रतिशत महिलाएं तनाव से ग्रसित
टेलीमानस के मुताबिक पुरुष और महिलाएं दोनों मानसिक तनाव से ग्रसित है। यहां काउंसलिंग लेने वाले लोगों में 54 प्रतिशत पुरुष और 45 प्रतिशत महिलाएं शामिल है। महिलाएं भी तनाव के चलते नशीले पदार्थो का सेवन करने लगी है। इस संबंधित फोन भी बड़ी संख्या में आते हैं। वह अपनी लत को छुड़वाने के लिए भी टेलीमानस की मदद लेती है।
इन समस्याओं से पीड़ित युवा वर्ग
- नींद नहीं आना
- मनोदशा की उदासी
- हमेशा तनाव महसूस होना
- गतिविधियों में रुचि कम होना
- थकान होना
- घबराहट, पसीना, झटके आना
- पढ़ाई संबंधित तनाव
- विचित्र व्यवहार
- निराशा, मजबूरी महसूस होना
- बार-बार हस्तक्षेप से परेशान
- किसी स्थिति में डर महसूस होना
- बिना कारण के शरीर में दर्द होना
- रिश्तों से जुड़ी समस्या
- एकाग्रता की कमी
- ऐसी चीजें देखना जो नहीं हैं
- शराब, धूम्रपान का अधिक सेवन
- अत्यधिक प्रसन्नता या चिड़चिड़ापन
- फाइनेंशियल समस्या आदि
74.3 प्रतिशत युवा ले रहे काउंसलिंग
आकड़ों के मुताबिक 1.19 लाख से अधिक लोगों ने टेलीमानस हेल्पलाइन से काउंसलिंग ली है। इसमें 74.3 प्रतिशत लोग 18 से 45 आयु वर्ग के हैं।
...आयु वर्ग के इतने फोन आए
- 0-12 वर्ष - 1.9 प्रतिशत
- 13-17 वर्ष - 7.8 प्रतिशत
- 18-45 वर्ष - 74.3 प्रतिशत
- 46-64 वर्ष - 13.2 प्रतिशत
- 65 से अधिक - 2.8 प्रतिशत
पहचानें वॉर्निंग के संकेत
युवाओं के व्यवहार में अचानक बदलाव, वह अकेला रहना पसंद कर रहे हैं, अचानक अधिक नशा करने लग रहे हैं तो इन्हें परिवार के सदस्यों और आसपास के लोगों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।