गोद लिए बच्चे की कर दी थी हत्या, नीमच में पदस्थ नपा कर्मचारी ममता चड्ढा सेवा से बर्खास्त
नीमच नगर पालिका की कर्मचारी ममता चड्ढा को गोद लिए बच्चे की हत्या के मामले में दोषी पाए जाने पर सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। नगरीय प्रशासन एवं विका ...और पढ़ें

डिजिटल डेस्क, इंदौर। गोद लिए गए बच्चे की हत्या के मामले में न्यायालय से दोष सिद्ध होने के बाद नगर पालिका परिषद नीमच की महिला कर्मचारी ममता चड्ढा को आखिरकार सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल के आयुक्त संकेत भोंडवे ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।
नगर पालिका परिषद नीमच कार्यालय को 22 दिसंबर को आयुक्त का आदेश प्राप्त हुआ, जिसमें नपा की सहायक वर्ग-3 कर्मचारी ममता चड्ढा की सेवाएं समाप्त करने के निर्देश दिए गए। इस कार्रवाई की पुष्टि नपा सीएमओ दुर्गा बामनिया ने की है।
2005 में सामने आया था मामला
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार ममता चड्ढा वर्ष 2004-05 में नगर पालिका नेपा नगर में पदस्थ थीं। नि:संतान होने के कारण उन्होंने खंडवा निवासी योगेश यादव के दो बच्चों को गोद लिया था। वर्ष 2005 में एक बच्चे की अचानक मौत हो गई, जिसे उस समय सामान्य बीमारी बताया गया और सामाजिक रीति-रिवाजों के अनुसार दफन कर दिया गया।
हालांकि, पुलिस जांच के दौरान पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हत्या पाया गया। इसके बाद पुलिस ने ममता चड्ढा और उनकी मां के खिलाफ हत्या व साक्ष्य छिपाने का प्रकरण दर्ज कर 21 जुलाई 2005 को उन्हें गिरफ्तार किया था। इसके चलते उन्हें निलंबित भी कर दिया गया था।
अदालत से आजीवन कारावास की सजा
करीब तीन साल तक चले ट्रायल के बाद अपर सत्र न्यायालय बुरहानपुर ने ममता चड्ढा को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ उन्होंने उच्च न्यायालय जबलपुर में अपील दायर की थी। हाईकोर्ट ने सजा के क्रियान्वयन पर अंतरिम रोक तो लगाई, लेकिन दोष सिद्धि पर कोई राहत नहीं दी।
इसके बावजूद बाद में उन्हें निलंबन से बहाल कर दिया गया था और वर्ष 2022 में सिंगोली में पदस्थ किया गया। बाद में उनका तबादला नगर पालिका परिषद नीमच में कर दिया गया, जहां वे वर्तमान में पदस्थ थीं।
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समाजसेवी की शिकायत पर हुई कार्रवाई
इस पूरे मामले में समाजसेवी सुनील मोरे ने लोकायुक्त और राज्य शासन में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के आयुक्त ने दोष सिद्ध कर्मचारी को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश जारी किया।

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