पहलगाम आतंकी हमले से दुखी शहाबुद्दीन घर वापसी कर बने श्यामलाल, बोले- 'मुझे गलती का एहसास हुआ'
पहलगाम में हुए आंतकी हमले के बाद देश में पाकिस्तान के खिलाफ रोष है। देश के विभिन्न हिस्सों में लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस बीच इंदौर के कुलकर्णी भट्टा क्षेत्र में एक मुस्लिम शख्स ने इस्लाम धर्म छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया। वह आतंकियों द्वारा धर्म पूछकर लोगों को मारने की बात से बेहद द्रवित हुए थे।

जेएनएन, इंदौर। पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले ने प्रत्येक देशवासी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। इसका असर इंदौर के कुलकर्णी भट्टा क्षेत्र में एक मुस्लिम के हृदय परिवर्तन के रूप में शुक्रवार को सामने आया।
उन्होंने घर वापसी का निर्णय लेते हुए पुन: सनातन धर्म अपना लिया। अपना नाम शहाबुद्दीन से बदलकर श्यामलाल रख लिया। श्यामलाल क्षेत्र की सैयद निजामुद्दीन की दरगाह पर बीते 40 साल से सेवा कर रहे थे। उसके परिसर में कभी कव्वाली के आयोजन करते थे, लेकिन उन्होंने अब वहां हनुमान चालीसा, रामायण और सुंदरकांड का पाठ शुरू करने का निर्णय लिया है।
पहलगाम हमले के बाद मुस्लिम शख्स ने लिया फैसला
श्यामलाल की घर वापसी के अवसर पर दरगाह परिसर में हनुमान चालीसा एवं भंडारे का आयोजन किया गया। इसमें क्षेत्र के मुस्लिमों ने भी भाग लिया। श्यामलाल पहले सनातनी ही थे, लेकिन कव्वाली से प्रभावित होकर मुस्लिम धर्म अपना लिया था। उनका कहना है कि पहलगाम आतंकी हमले ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया। कोई कैसे किसी को धर्म के नाम पर मार सकता है।
घर वापसी के बाद कराया सुंदरकांड का पाठ
इस घटना पर गहराई से सोचने के बाद मुझे अपनी गलती का अहसास हुआ और कव्वाली बंद कर दी। फिर घर वापसी का निर्णय लिया। हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ कर प्रसाद बांटा। साथ ही पहलगाम में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई और दो मिनट का मौन रखा गया। घर वापसी के सवाल पर श्यामलाल ने कहा कि मैं भटक गया था, इसलिए उधर चला गया। लोगों से बात करने और उनके समझाने के बाद वापस आया हूं। अब सालभर सुंदरकांड का पाठ करूंगा
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