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    TRAI, CBI अफसर बनकर डराया, बुजुर्ग को सात दिन Digital Arrest कर 27.60 लाख रुपये हड़पे, गहने तक गिरवी रखवाए

    Updated: Sun, 07 Dec 2025 08:55 PM (IST)

    इंदौर में साइबर अपराधियों ने एक 62 वर्षीय बुजुर्ग को फर्जी TRAI और CBI अधिकारी बनकर डिजिटल अरेस्ट में रखा और 27.60 लाख रुपये ठग लिए। ठगों ने बुजुर्ग क ...और पढ़ें

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    डिजिटल अरेस्ट कर बुजुर्ग से लाखों रुपये हड़पे। (प्रतीकात्मक चित्र)

    डिजिटल डेस्क, इंदौर। इंदौर शहर में साइबर अपराधियों ने डिजिटल ठगी का चौंकाने वाला और दिल दहला देने वाला मामला अंजाम दिया है। फर्जी TRAI और CBI अधिकारी बनकर 62 वर्षीय बुजुर्ग को पूरे सात दिन तक “डिजिटल अरेस्ट” में रखा गया, लगातार ऑनलाइन पूछताछ की और उनकी जीवनभर की जमा पूंजी हड़प ली। इतना ही नहीं, ठगों ने उन्हें मानसिक रूप से इतना डरा दिया कि घर के सोने के गहने तक गिरवी रखवाकर पैसे निकलवा लिए।

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    शिकायत के बाद क्राइम ब्रांच ने धोखाधड़ी का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

    एडिशनल डीसीपी (अपराध) के अनुसार, धोखाधड़ी सांवेर रोड (बाणगंगा) निवासी 62 वर्षीय वृद्ध के साथ हुई है। वह निजी संस्थान में डिस्पैच क्लर्क की नौकरी करते हैं। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि 20 नवंबर को शाम छह बजे उनके पास अनजान नंबर से कॉल आया।

    ठग ने खुद को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) अफसर बताते हुए कहा कि आपके मोबाइल ब्लाक करने के आदेश आए है। पूछने पर बताया तुम्हारे नाम से दूसरे सिमकार्ड इशू हुए है और उनका दुरुपयोग हो रहा है। इसके संबंध में मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन आकर एफआइआर करवाना पड़ेगी। इसके संबंध में मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन आकर एफआइआर करवाना पड़ेगी। अगर मुंबई आने में परेशानी हो तो मोबाइल नंबर 8677009544 पर काल कर समस्या का समाधान पूछ लो।

    पीड़ित बुजुर्ग घबरा गए और तत्काल ठग द्वारा दिए मोबाइल नंबर पर काल लगाया। सामने वाले ने बाकायदा वृद्ध का आधार कार्ड के नंबर बताए और कहा कि एक सिमकार्ड आपके नाम से इशू हुई है और उससे बैंक खाता भी खुला है। इस खाते में तस्करी का लाखों रुपये जमा हुआ है और आपको कमीशन भी मिला है। इतना सुनते ही बुजुर्ग घबरा गए।

    फर्जी सीबीआई अफसर से ऑनलाइन मीटिंग, मनी लांड्रिंग की धमकी

    दूसरे दिन सुबह पुन: उसी व्यक्ति का कॉल आया और सीबीआई अफसर से मीटिंग करने के निर्देश दिए। करीब 15 मिनट फर्जी सीबीआई अफसर से बात करवाई गई। उसने मनी लांड्रिंग केस में फंसाने की धमकी दी। ठग ने अपना नाम आनंद कुमार बताया। वृद्ध से परिवार, व्यवसाय, परिचितों, खातों में जमा रुपयों की जानकारी ली गई। उसने कहा कि तस्करों से गठजोड़ है या नहीं, इसकी जांच के लिए चल-अचल संपत्ति दूसरे खातों में ट्रांसफर करनी होगी। इस तरह ठग ने 27 नवंबर तक वृद्ध से 27 लाख 50 हजार रुपये हड़प लिए।

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    ऐसे हड़पी रकम

    पीड़ित बुजुर्ग ने 21 नवंबर को अपनी एफडी तुड़वाकर ठग द्वारा बताए खाते में एक लाख जमा करवाए। इसके बाद म्युचुअल फंड के 12 लाख 90 हजार और गोल्ड लोन लेकर 12 लाख 60 हजार रुपये दिए।

    एडिशनल डीसीपी का कहना है कि केस दर्ज कर लिया है। बैंक खातों और मोबाइल नंबरों की जांच की जा रही है।