Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिखावटी सुप्रीम कोर्ट, नकली जज और फर्जी ED...भोपाल में रिटायर्ड सैन्य अधिकारी को Digital Arrest कर 36 लाख रुपये ठगे

    By Prashant VyasEdited By: Ravindra Soni
    Updated: Fri, 05 Dec 2025 08:01 PM (IST)

    भोपाल में साइबर ठगों ने एक रिटायर्ड सैन्य अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट कर 36 लाख रुपये ठग लिए। ठगी की शुरुआत फर्जी बैंक खाते के आरोप से हुई, जिसके बाद ऑनल ...और पढ़ें

    Hero Image

    डिजिटल अरेस्ट में कोर्ट रूम ड्रामा भी शामिल। (प्रतीकात्मक चित्र)

    डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रदेश की राजधानी भोपाल में साइबर ठगों ने ठगी का ऐसा हाई-टेक जाल बिछाया कि मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस के 85 वर्षीय रिटायर्ड अधिकारी कई दिन ‘डिजिटल अरेस्ट’ में फंसे रहे। मामला फर्जी बैंक खाते और संदिग्ध लेनदेन के आरोप से शुरू हुआ और नकली पुलिस, फर्जी सुप्रीम कोर्ट और बनावटी ईडी अधिकारियों तक पहुंच गया। सबकुछ ऑनलाइन, सबकुछ विश्वसनीय दिखने वाले सरकारी तामझाम के साथ।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    13 नवंबर को शुरू हुए इस डिजिटल नाटक में रिटायर्ड सैन्य अधिकारी टीके नागसरकर के पास सुबह-सुबह अनजान नंबर से कॉल आया। फोन करने वाले खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी विजय खन्ना बताया। साथ ही आरोप लगाया कि आपका कैनरा बैंक का खाता फर्जी हस्ताक्षर कर खोला गया है और इसमें संदिग्ध लेनदेन हुआ है। नागसरकर ने आरोपों से इंकार किया तो पुलिस ने शुरुआती जांच की और फिर कहा कि यदि आप निर्दोष हैं तो कोर्ट में साबित करें।

    ऑनलाइन कोर्ट रूम में सुनवाई

    अगले ही दिन 14 नवंबर को रिटायर्ड अधिकारी को लाइव वीडियो कॉल पर ‘सुप्रीम कोर्ट’ में पेश किया गया। यहां उन्हें एक फर्जी वकील भी दिया गया। जज ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और फिर पूरी जांच ईडी को सौंपने का आदेश सुनाया।

    फर्जी ईडी अधिकारी ने ऐसे उलझाया

    15 नवंबर को ‘ईडी अधिकारी’ बनकर उभरी ठग निशा पटेल ने कहा कि आपके कैनरा बैंक के फर्जी खाते मामले में अन्य सभी बैंक खातों में जमा राशि की जांच होगी। जांच के लिए उनके सारे बैंक खातों की राशि दूसरे खातों में ट्रांसफर करनी होगी। इस पर भरोसा करते हुए नागसरकर ने 20 लाख रुपये दिल्ली की एक फर्नीचर फर्म के एक खाते में ट्रांसफर किए और फिर 19 तारीख को दूसरे खाते में जमा 16 लाख रुपये भी डिब्रूगढ़ के बैंक खाते में जमा करवा दिए।

    यह भी पढ़ें- टेरर फंडिंग का डर दिखाकर बैतूल में सेवानिवृत्त कर्मी को किया Digital Arrest, 73 लाख की ठगी का प्रयास


    ठगों ने आश्वासन दिया कि एक सप्ताह में जांच पूरी कर सभी रकम वापस कर दी जाएगी। लेकिन निर्धारित समय बीतने पर जब राशि नहीं लौटी, तब उन्हें ठगी का एहसास हुआ। इसके बाद उन्होंने इसी सप्ताह साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज कराई। वर्तमान में साइबर सेल पूरे मामले की जांच कर रही है और ठगों के खातों का ट्रेल खंगाला जा रहा है।