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    टेरर फंडिंग का डर दिखाकर बैतूल में सेवानिवृत्त कर्मी को किया Digital Arrest, 73 लाख की ठगी का प्रयास

    Updated: Wed, 03 Dec 2025 12:42 PM (IST)

    बैतूल में वेकोलि के सेवानिवृत्त कर्मी चैतराम नरवरे को साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट कर 73 लाख रुपये ठगने का प्रयास किया। ठगों ने उन्हें मुंबई में ख ...और पढ़ें

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    डिजिटल अरेस्ट कर ठगी का प्रयास (प्रतीकात्मक चित्र)

    डिजिटल डेस्क, भोपाल। बैतूल में वेस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड (वेकोलि) के सेवानिवृत्त कर्मी चैतराम नरवरे (64) को डिजिटल अरेस्ट कर 73 लाख रुपये की ठगी का प्रयास किया गया। पुलिस ने ऐन वक्त पर सतर्कता दिखाते हुए उन्हें बचा लिया। पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र जैन के अनुसार, ठगों ने मुंबई में उनके नाम पर संचालित बैंक खाते से करोड़ों का लेनदेन होने और इस राशि का उपयोग पुलवामा आतंकी हमले व दिल्ली ब्लास्ट में होने का डर दिखाकर राशि करंट बैंक खाते में जमा करने के लिए कहा था। चैतराम ने इसके लिए आरटीजीएस फार्म भी ले लिया था।

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    सीबीआई अधिकारी बनकर धमकाया

    वेकोलि से सेवानिवृत्त चैतराम नरवरे भोपाल के अशोका गार्डन में रहते हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि 29 नवंबर को शाम चार बजे मोबाइल पर अनजान नंबर से काल आया था। खुद को सीबीआई मुंबई का अधिकारी बताने वाले ठग ने बैंक खाता और मोबाइल सीज करने की धमकी दी। कहा कि मुंबई की बैंक आफ महाराष्ट्र में आपके नाम से जो खाता है उसमें छह करोड़ हैं। इसी खाते से आतंकवादी घटनाओं के लिए लेनदेन हुआ है। मुसीबत से बचना है तो हम जैसा कहें, वैसा करो।

    बेटे को हुआ शक

    ठगों ने चैतराम को नया मोबाइल और नई सिम लेकर बात करने का कहा। इसके बाद पाथाखेड़ा जाने को कहा। दूसरे दिन गेट बंद कर वीडियो कॉल करने का कहा। वीडियो कॉल में पूरी जानकारी लेने के बाद कहा कि 73 लाख की एफडी तुड़वाकर दूसरे खाते में जमा करें। वह एफडी तुड़वाकर आरटीजीएस करने वाले थे, तभी पुणे में रहने वाले बेटे योगेश अनहोनी का शक हुआ।

    योगेश ने बैतूल निवासी मौसेरे भाई दीपेंद्र को जानकारी दी। दोनों ने बैतूल पुलिस से संपर्क किया। जिसके बाद बैतूलबाजार और सारनी थाना पुलिस राजेश गेस्ट हाउस पहुंची और नरवरे को डिजिटल अरेस्ट से सुरक्षित बचाया।

    असली पुलिस से सामना होने पर दिखाई हेकड़ी

    पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र जैन के अनुसार, पुलिस टीम चैतराम के कमरे में पहुंची तो वीडियो कॉल चालू था। ठगों का जब असली पुलिसकर्मियों से सामना हुआ तो वे उन्हें भी वर्दी उतरवाने की धमकी देने लगे। पुलिस टीम ने ठगों से पूछताछ करते हुए जब कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी तो कॉल कट कर दिया।

    एसपी ने स्पष्ट किया कि डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई प्रक्रिया भारतीय कानून में नहीं है। न पुलिस, न सीबीआई और न ही ईडी किसी व्यक्ति को इंटरनेट मीडिया माध्यम से वीडियो कॉल के जरिए गिरफ्तार करती है और न पैसे मांगती है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि ऐसे काल मिलते ही किसी दबाव में न आएं और तुरंत 1930 साइबर हेल्पलाइन या नजदीकी थाने में शिकायत करें।