शादियों में फिजूलखर्ची के खिलाफ उमा भारती मुखर, बोलीं- नेता खपाते हैं दो नंबर का पैसा; उद्योगपतियों को दी यह सलाह
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शादियों में फिजूलखर्ची पर नेताओं और उद्योगपतियों को घेरा। उन्होंने कहा कि नेता काला धन खपाते हैं और उद्योगपति दिखावा कर ...और पढ़ें

पत्रकारों से चर्चा करतीं उमा भारती।
डिजिटल डेस्क, ग्वालियर। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने देश में शादियों में बढ़ती फिजूलखर्ची और दिखावे को लेकर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि नेता अक्सर “दो नंबर का पैसा” खपाने के लिए शादियों में फिजूलखर्ची करते हैं। वहीं बड़े उद्योगपति करोड़ों रुपये मंच सजावट और डांसरों पर उड़ाते हैं, जबकि उतने पैसों में हजारों गरीब बेटियों की शादी कराई जा सकती है।
दिखावा बंद करें… भ्रष्टाचार के खिलाफ यही क्रांति होगी
उमा भारती ने कहा कि अधिकांश शादियां मैरिज गार्डन में भव्य आयोजन के साथ हो रही हैं, जिससे अनावश्यक खर्च बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि अगर हम सीमित साधनों में शादियां करने लगें, तो यही भ्रष्टाचार के खिलाफ एक क्रांति होगी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जैसे कभी ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ का नारा दिया गया था, वैसे ही आज कहना होगा—भ्रष्टाचारी भारत में रहो, लेकिन सुधर जाओ।
मोदी अगले 10 साल पद पर रहें, तभी खत्म होगा भ्रष्टाचार
टीकमगढ़ में अपनी मां बेटीबाई की स्मृति में यात्रा निकालने के बाद पत्रकारों से चर्चा के दौरान उमा भारती ने कहा कि देश से भ्रष्टाचार पूरी तरह मिटाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अगले 10 वर्षों तक पद पर बने रहना जरूरी है।
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उद्योगपतियों और नेताओं को सलाह
उमा भारती ने बताया कि उन्होंने उद्योगपतियों की शादियों में जाना बंद कर दिया है और अपने गार्ड को ऐसे निमंत्रण पत्र स्वीकार न करने का निर्देश दिया है। उन्होंने नेताओं से अपील की कि दिखावा न करें। आपकी इज्जत पहले से है। फिजूलखर्ची समाज को गलत संदेश देती है।
बच्चों पर बढ़ रहा दबाव, माता-पिता भी होड़ में लग जाते हैं
उन्होंने कहा कि समाज में यह होड़ बढ़ गई है कि किसके पास कितनी सुविधाएं हैं। इससे बच्चे हीन भावना से ग्रस्त हो जाते हैं, और माता-पिता भी इस दौड़ में पड़कर भ्रष्टाचार के रास्ते पर चल निकलते हैं।
पूर्व सीएम ने अपील की कि शादियों में अनावश्यक खर्च रोकना अब समाज की जरूरत है, ताकि दिखावे की होड़ और भ्रष्टाचार दोनों पर लगाम लगाई जा सके।

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